शनिवार की रात सबके लिए खगोलीय आतिशबाजी देखने का सुनहरा मौका होगा। इसके लिए अलग से कोई उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी। नंगी आंखों से इस दौरान उल्कापात को देखा जा सकेगा। रात को 10:30 बजे से यह उल्कापात अधिकतम लेवल पर होगा।
लखनऊ के इंदिरागांधी प्रतिष्ठान, यूपीसीएसटी में विज्ञान अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि नौ अगस्त से 13 अगस्त तक परसीड उल्कापात हो रहा है, लेकिन, शनिवार की रात को 10:30 से लेकर रविवार की रात तक यह अधिकतम होगा।
शनिवार की रात को लगभग 60 से 120 उल्काएं टूटकर गिरती हुई दिखाई देंगीं। यह एक अद्भुत दृश्य होगा, जिसमें रात्रि आकाश में पटाखे जैसे चमकीले पिंड छा जाएंगे।
परसीड उल्कापात ‘स्विफ्ट टूटल’ धूमकेतु के मलबे से उत्पन्न होता है। प्रत्येक 133 वर्षों में ये विशाल धूमकेतु हमारे सौर मंडल से होकर जाता है और अपने पीछे धूल और कंकड़ों का समूह छोड़ जाता है। यह मलबा अभी भी हमारी पृथ्वी के परिगमन पथ पर है।
जब पृथ्वी इस मलबे में से होकर गुजरती है, तो धूमकेतु के अवशेष हमारे वातावरण में प्रवेश करके 140,000 मील/घंटे की रफ्तार से गिरते हैं, जिससे रोशनी उत्पन्न करते हैं और अंत में नष्ट हो जाते हैं।
ये उल्का पिंड परसीड कहलाते हैं, क्योंकि से परसीयस तारा समूह से निकलते हुए प्रतीत होते हैं। वर्ष 2017 परसीड देखने के लिए उत्तम है। यह 13 अगस्त रविवार की सुबह सूर्योदय से पहले तक रहेगा।
12th August, 2017