एक मैसेज है- ''पश्चिम बंगाल के स्कूलों में 70 सालों में पहली बार स्वतंत्रता दिवस नहीं मनेगा." यह व्हाट्सएप और अन्य सोशल साइट पर वायरल हो रहा है. लेकिन इस मैसेज के पीछे क्या है और यह कितना फेक है, आइए जानते हैं ?
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब पश्चिम बंगाल से जुड़ा अजीबोगरीब मैसेज वायरल हो रहा है. कुछ महीने पहले यह मैसेज भी वायरल हो रहा था कि क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम हैं ? हालांकि, इस बात में कोई सच्चाई नहीं थी.
नए वायरल हो रहे मैसेज में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूलों से 15 अगस्त नहीं मनाने को कहा है. हम आपको इसके पीछे की सच्चाई बताने जा रहे हैं.
इस मैसेज के पीछे की हकीकत, ममता बनर्जी और मोदी सरकार के टकराव से जुड़ी हुई है.
असल में सच्चाई ये है कि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार ने स्कूलों से केंद्र सरकार के सर्कुलर के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाने को कहा है. इससे पहले केंद्रीय एचआरडी मंत्रालय ने 7 अगस्त को सर्कुलर जारी करते हुए स्कूलों को तय फॉरमेट में स्वतंत्रता दिवस मनाने को कहा था.
केंद्र सरकार के सर्कुलर के मुताबिक, स्कूलों को 9 अगस्त से 30 अगस्त के बीच शहीद स्मारक के पास संकल्प प्रोग्राम करने को कहा गया था. लेकिन राज्य सरकार ने स्कूलों को उस सर्कुलर को इग्नोर करने को कहा है.
लेकिन इसका ये भी मतलब नहीं है कि पश्चिम बंगाल के स्कूलों में 15 अगस्त नहीं मनेगा. बल्कि यह पिछले सालों की तरह हर स्कूलों में मनाया जाएगा. सिर्फ केंद्र सरकार के तय फॉर्मेट में कार्यक्रम नहीं होगा.
ममता बनर्जी की सरकार का कहना है कि स्कूल जैसे पहले से प्रोग्राम करते रहे हैं, वैसे ही करें. सरकार का कहना है कि देशभक्ति किसी पर थोपी नहीं जा सकती है.
इससे पहले भी विभिन्न मौकों पर ममता और मोदी सरकार में आपस में टकराव हुआ है.
14th August, 2017