देश आज आजादी की 71वीं वर्षगांठ मना रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ उत्तर प्रदेश के विभिन्न सरकारी संस्थानों में तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. लेकिन इस बार खास बात यही रही कि यूपी के मदरसों में भी तिरंगा फहराया गया. पिछले दिनों में योगी सरकार ने अनुदान प्राप्त मदरसों को स्वतंत्रता दिवस मनाने के निर्देश दिए थे, जिसका असर साफतौर पर देखने को मिला.
ऐसा पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश के मदरसों में आजादी की जश्न मनाया गया. पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई मदरसों समेत लखनऊ के फिरंगी महल मदरसे में भी ध्वाजारोहण किया गया. नोएडा के पास सालारपुर में भी बने मदरसे ने तिरंगा लहराया और राष्ट्रगान गाकर जश्न ए आजादी का पर्व मनाया. मदरसे के तमाम बच्चे सुबह से ही सजधज कर हाथों में तिरंगा लिए झंडा फहराने का इंतजार करते दिखे.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी तिरंगा फहराकर आजादी की 71वीं सालगिरह मनाई गई. जगह-जगह वंदे मातरम के नारों के साथ मदरसे के बच्चों ने देश भक्ति के गीत गाए. नोएडा के सालारपुर मदरसे के मुखिया मौलवी मुकर्रम कि सरकार का निर्देश हो या ना हो हम इस मदरसे में कई वर्षों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का जश्न मनाते आए हैं. मौलवी मुकर्रम ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हिंदू और मुसलमान दोनों ने अपना खून दिया था. किसी भी हिंदुस्तानी के लिए उसका मुल्क पहले है. जश्न में शामिल होने के लिए मदरसे के बच्चे ही नहीं, आसपास के तमाम लोग भी मौजूद रहे और राष्ट्रगान में शरीक हुए.
यूपी सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया था कि सरकार से अनुदान प्राप्त सभी मदरसों में तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवसा का जश्न मनाया जाए. साथ की कार्यक्रम की वीडियों रिकॉर्डिंग भी की जाए. सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि देश के तमाम नागरिक होली, दीपावली, ईद और लोहड़ी के त्यौहार मनाते हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को पूरा देश मनाता है. मदरसों को इससे अलग ना होकर आजादी के जश्न में शामिल होना चाहिए.
सरकार ने मांगा कार्यक्रम का फुटेज
आदेश में अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की तस्वीरें और वीडियो फुटेज प्राप्त करें, ताकि उत्कृष्ट श्रेणी के कार्यक्रमों को भविष्य में दोहराया या प्रोत्साहित किया जा सके. मालूम हो कि प्रदेश में इस वक्त परिषद से मान्यता प्राप्त करीब 8000 मदरसे हैं. उनमें से 560 मदरसे राज्य सरकार के अनुदान से चलते हैं.
15th August, 2017