लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस को थानों में भव्य तरीके से जन्माष्टमी मनाने के अपने निर्देश को सही ठहराते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है क्योंकि मुसलमान भी तो सड़कों पर नमाज पढ़ते हैं। जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के एक कार्यक्रम में बुधवार रात उन्होंने कहा था, ‘‘यदि हम सड़कों पर ईद की नमाज पढ़ने से नहीं रोक सकते हैं, तो हमें पुलिस थानों में जन्माष्टमी कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगाने का भी कोई हक नहीं है।’’ राज्य सरकार ने आदेश दिया था कि पुलिस थानों में भव्य और शालीन तरीके से भारतीय परम्पराओं के अनुरूप जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाये। सरकार के इस आदेश पर विपक्षी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
कांग्रेस ने सरकार के इस आदेश की आलोचना करते हुये कहा था कि यह सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है क्योंकि मुख्यमंत्री अपने लोकसभा क्षेत्र गोरखपुर में मासूम बच्चों की मौत होने की पृष्ठभूमि में भव्य समारोह मनाने की बात कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने भी सरकार के इस आदेश की आलोचना की थी। हाल ही में संपन्न हुई कांवड़ यात्रा के दौरान लाऊडस्पीकर से डीजे और संगीत बजाये जाने के मामले में आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘मुझे बहुत आश्चर्य हुआ जब ऐसी बातें कही गयीं कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे, माइक का प्रयोग ना हो और संगीत ना बजाया जाये। मेरा मानना है कि गीत संगीत के बिना यह कांवड़ यात्रा होगी या शव यात्रा।’’ अगर डमरू, ढोल, गीत-संगीत नहीं होगा तो फिर यह कांवड़ यात्रा कैसे होगी। ‘‘मैंने उस समय भी कहा था कि कांवड़ यात्रा में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा कि गाजियाबाद से हरिद्वार के बीच करीब चार करोड़ कांवड़ यात्री थे लेकिन कहीं से किसी गड़बड़ी की शिकायत नहीं आई, यह होता है अनुशासन। ‘‘लेकिन अगर आप उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करेंगे, तब आपके सामने समस्या आयेगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि लाऊडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना है तो यह सभी धार्मिक और पूजा स्थलों के लिए होगी, और अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो कांवड़ यात्रा ऐसी ही चलती रहेगी।
18th August, 2017