गोरखपुर के खोराबार क्षेत्र का नउवा अवल का बिनहा रिंग बांध आज सुबह 5 बजे टूट गया। बांध टूटने के चलते दो हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। सहजनवा डुमरिया बाबू बांध पर बने चोरमा रेग्युलेटर पर बने बेथलवाल से नदी का पानी छू गया। पानी इस पार गिरना कुछ घण्टों के बाद शुरू हो जाएगा। इससे तीन दर्जन से ऊपर गांवों के खेत प्रभावित होने की आंशका बढ़ गई है।
राप्ती नदी के किनारे बसे गांव अमसार में बाढ़ का पानी भर जाने से ग्रामीण बांध पर रात बिताने को मजबूर हैं। लोगों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है। बिनहा गांव के दक्षिण राप्ती का पानी ओवरफ्लो होकर गांव में आ रहा है। सहजनवा तहसील के उत्तरी कोलिया गांव के सामने सड़क पर कर लखनऊ- गोरखपुर ट्रैक के किनारे बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
दूसरी तरफ गोरखपुर-बस्ती मंडल में बाढ़ से हालात अब बेकाबू होते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे में चार लोगों की मौत हो गई है। गोरखपुर जिले में सवा लाख लोग संकट में हैं। उनकी मदद के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। एयरफोर्स की हेलीकॉप्टर टीम गुरुवार से ही मदद में लग गई है। सोनौली रोड पर शुक्रवार को भी रोडवेज बसें नहीं चलीं। वहीं मानीराम-पीपीगंज रेल मार्ग पर पानी लग गया है।
बांधों में रिसाव से डर: गोरखपुर शहर के दक्षिणी और पश्चिमी बांधों में कई जगह रिसाव की सूचनाओं से शहरवासी विशेषकर रामगढ़ताल क्षेत्र के लोग खासे डर गए हैं। वे देर रात तक थाना-पुलिस और अखबार के दफ्तरों में फोन कर सचाई जानने की कोशिशें करते रहे। हार्बर्ट बांध के दो रेगुलेटरों से सुबह शुरू हुए रिसाव पर किसी तरह काबू पाया गया तो शाम होते-होते राप्ती का पानी ओवरफ्लो होने से नौसड़ से आगे गौरव पेट्रोल पम्प के सामने ट्रैफिक रोक कर डायवर्ट किया गया।
रात नौ बजे के बाद नौसड़ से खजनी मार्ग पर आवागमन की इजाजत दी गई लेकिन नौसड़-कालेसर मार्ग पर देर रात तक आवागमन ठप रहा। उधर, रात में दस बजे के करीब मलौनी बांध पर सेंदुली-बेंदुली और बड़गों गांव के पास रिसाव शुरू हुआ। बढ़या-कोठा में भी रिसाव हो रहा था। इससे करीब 60 गांवों में खतरा बन गया है।
कैम्पियरगंज क्षेत्र में सुबह पांच बजे रोहिन नदी ने मछली-अलगटपुर बांध तोड़ दिया। इससे मानीराम तक का इलाका डूब गया। शुक्रवार को अलगटपुर बांध टूटने से सोनौली रोड फिर बंद हो गया। मानीराम-बालापार होते हुए महराजगंज जाने वाली सड़क भी बाधित हो गई। गांवों में पानी भर जाने से लोग घबराकर जितना समेट पाये, लेकर सुरक्षित ठिकानों की ओर भागने लगे। करीब पांच हजार लोगों ने मानीराम रेलवे स्टेशन पर शरण ली है।
बाढ़ से बिगड़ते हालात पर योगी आदित्यनाथ का कहना है कि बाढ़ से हर साल होने वाली तबाही को रोकने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार गंभीर हैं। नेपाल से इस मसले पर बात हो रही है। जल्द ही कोई स्थाई हल निकाल लिया जाएगा।
19th August, 2017