पटना। बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। बाढ़ के प्रकोप के चलते बिहार में अब तक कुल 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं व 1 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा मौतें अररिया व चंपारण जिले में हुई हैं। बाढ़ सेयब तक किसानों की हजारों एकड़ में धान और गन्ने की फसल भी डूब गई है।
राहत कार्य में आई तेजी
बाढ़ग्रस्त इलाके में अगले तीन-चार दिनों में सड़कों को दुरुस्त कर लिया जाएगा। सड़क रि-स्टोर करने में लापरवाह एक कार्यपालक अभियंता को शनिवार को निलंबित कर दिया गया। प्रभावित इलाकों में पानी कम होने पर भारी मात्र में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा व ग्रामीण कार्य के सचिव विनय कुमार ने हवाई सर्वेक्षण किया। आपदा के प्रधान सचिव ने कहा कि किशनगंज का सर्वेक्षण के बाद जिलाधिकारी के साथ समीक्षा की गई। कोशिश है कि तीन-चार दिनों में सड़क रि-स्टोर कर लिया जाए ताकि राहत कार्य और तेजी से हो सके।
प्रभावित इलाके में लापरवाह ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। डीएम को किशनगंज के कुछेक इलाकों में फूड पैकेट एयरड्रॉप करवाने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग को कहा गया है कि 1025 किलो पैकेट के एक हजार ब्लीचिंग पाउडर पूर्णिया, अररिया सहित अन्य जिलों में भेजा जाए। डीएम को युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाने को कहा गया है। पूर्णिया दौरे में सड़क व बिजली की समीक्षा हुई। अररिया में 50 फीसदी बिजली सेवा बहाल हो गई है। अररिया में 90 फीसदी इलाके में बिजली बहाल हो गई है। उधर, समस्तीपुर जिले में पानी आने के कारण बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या अब 18 हो गई है। शुक्रवार तक यह संख्या 17 थी।
राष्ट्रीय आपदा घोषित हो बिहार बाढ़
जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के संरक्षक व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने केंद्र सरकार से बिहार में आयी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। श्री यादव ने कहा कि राज्य में बाढ़ से डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हैं। सांसद ने आरोप लगाया कि राहत और पुनर्वास के नाम पर पीड़ितों के साथ छल हो रहा है। कहा वे पिछले कई दिनों से बाढ़ प्रभावित सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, खगड़िया इत्यादि जिलों का दौरा कर रहे हैं।
20th August, 2017