उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए कलिंग उत्कल ट्रेन हादसे में रेलवे के कई बड़े अधिकारियों पर गाज गिरी है। भारतीय रेल इतिहास में पहली बार रेलवे ने अभूतपूर्व त्वरित कार्रवाई करते हुए रविवार को अपने बोर्ड सदस्य, जीएम और डीआरएम को तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेज दिया। इसके अलावा चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और एक का तबादला किया गया है। रेलवे ने बताया कि ट्रेन दुर्घटना के मामले में रेलवे बोर्ड में सदस्य (इंजीनियरिंग) आदित्य कुमार मित्तल, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आरके कुलश्रेष्ठ और डिवीजनल रेलवे प्रबंधक (दिल्ली) आरएन सिंह को छुट्टी पर भेज दिया गया है।
मंत्रालय ने अपने चार अधिकारियों, दिल्ली डिवीजन के वरिष्ठ डिवीजनल इंजीनियर आरके वर्मा, सहायक इंजीनियर (मेरठ) रोहित कुमार, पटरियों की मरम्मत के उत्तरदायी एक वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (मुजफ्फरनगर) इंटर जीत सिंह और कनिष्ठ अभियंता (खतौली) प्रदीप कुमार को निलंबित किया है। इसके अलावा रेलवे ने उत्तर रेलवे के मुख्य ट्रैक इंजीनियर अलोक अंसल का तबादला कर दिया।
वहीं उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद रविवार रात 1:21 बजे रात से मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच रेलगाड़ियों का परिचालन सामान्य हो गया है। इस रूट से पहली ट्रेन अम्बाला-मेरठ पैसेंजर रात 1:21 बजे गुजरी है।
इस बीच जीआरपी खतौली की ओर से अज्ञात रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों पर गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। वहीं, रेलवे सुरक्षा आयुक्त एसके पाठक सोमवार को हादसे की जांच के लिए खतौली पहुंचेगे। वह जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपेंगे। इसके बाद और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
हादसे के करीब 28 घंटे बाद रेलवे ट्रैक को बहाल किया जा सका।दिल्ली-अंबाला डिवीजनों से आईं 140 टन क्षमता वाली हाईड्रोलिक क्रेनों से क्षतिग्रस्त बोगियों को ट्रैक से देर शाम साढ़े सात बजे हटा दिया गया। रात आठ बजे तक नया ट्रैक तैयार हो गया। देर रात 10 बजे ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने उत्तर प्रदेश में हुए रेल हादसे के एक दिन बाद रविवार को कहा कि किसी भी हालत में लापरवाही बरतने वाले अफसरों और कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा परिचालन में ढिलाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।
21st August, 2017