राजकीय संप्रेक्षण गृह में सोमवार को एक किशोर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। आरोप है कि संप्रेक्षण गृह के कुछ कर्मचारियों ने किशोर की पिटाई की थी, जिसके बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी।
संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक उदयशंकर मालवीय का कहना है कि दो दिन पूर्व किशोर की तबीयत खराब हुई थी। किशोर को पेट दर्द और बुखार की शिकायत थी। पुलिस का कहना है कि किशोर के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दुष्कर्म के आरोप में सीतापुर के थाना संदना की पुलिस ने किशोर को पकड़ा था। आरोपित किशोर को 16 जुलाई 2016 को सीतापुर से हरदोई संप्रेक्षण गृह भेजा गया था। जहां से किशोर एक अगस्त को लखनऊ स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह लाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक संप्रेक्षण गृह के कर्मचारी किशोर से रुपयों की मांग कर रहे थे। मना करने पर दो सप्ताह पूर्व संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों ने उसकी पिटाई कर दी थी। संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों ने मामले को दबाने के लिए किशोर को इलाज के लिए नहीं भेजा, जिसके बाद से उसकी तबीयत खराब थी।
इस मामले में परिवारीजन ने सीतापुर के एक अधिकारी से भी शिकायत की थी। जिसके बाद संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक ने चिकित्साधिकारी डॉ.सुदर्शन को किशोर का मेडिकल परीक्षण कराया था।
प्रेक्षण गृह में सोमवार को किशोर की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर वहां के कर्मचारी उसे बलरामपुर अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि तब तक किशोरी की मौत हो चुकी थी। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. सर्वेश सिंह ने बताया कि किशोर को ब्रॉट डेड लाया गया था। उसकी मौत कैसे हुई है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।