सरकारी बैंकों में हड़ताल से आम लोगों की परेशानी हो रही है। मनी ट्रांसफर, बच्चों की फीस देने में भी परेशानी हो रही है। बैंक में ताला लटके हुए हैं।
विभिन्न मांगों को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने मंगलवार को अखिल भारतीय बैंक हड़ताल की घोषणा की है। इसके मद्देनजर सोमवार को शहर में बैंक कर्मियों ने जुलूस निकाल शहरवासियों से हड़ताल के लिए समर्थन मांगा। एक जुलूस भारतीय स्टेट बैंक की बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर मुख्य शाखा से निकला, जबकि दूसरा बिष्टुपुर स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सामने से। वहीं, गोड्डा में मंगलवार को एसबीआई की मुख्य शाखा में ताला लटका रहा।
इस दौरान बैंक कर्मियों ने एनपीए की वसूली के लिए संसदीय कमेटी की अनुशंसा को लागू करने, बैड लोन के लिए कठोर उपाय करने, प्रस्तावित एफडीआइ बिल की वापसी, बैंक बोर्ड ब्यूरो को निरस्त करने, बैंकों में सभी कैडर में पर्याप्त भर्ती की मांगें रखीं। नेतृत्व यूएफ बीयू के संयोजक आरबी सहाय, सह संयोजक हीरा अरकने, जेपीबीइए के जिला सचिव सुजीत घोष, सपन कुमार अदख, केके सहाय, पुलक सेनगुप्ता, एके भौमिक, नीलकांत दास व अमिताभ घोष ने किया।
बैंक ऑफ बड़ौदा के पास सभा को नेताओं ने संबोधित किया। उधर, स्टेट बैंक के जुलूस का नेतृत्व डीएन सिंह ने किया, जबकि इसमें स्वर्णकमल दासगुप्ता, जितिश खवास, रिंटू रजक, टी. शशिकुमार, सरोज कुमार राय, सत्येंद्र कुमार सिंह शामिल हुए।
सरकारी बैंकों में हड़ताल, डाकघरों में कल
सरकारी बैंकों की कर्मचारी यूनियनों ने मंगलवार को देशभर में हड़ताल की घोषणा की है। उधर, बुधवार को डाकघर कर्मचारियों की यूनियन ने भी एक दिन की हड़ताल की घोषणा की है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के अधीन यूनियनों ने बैंकों के विलय की सरकारी योजना के विरुद्ध हड़ताल का आह्वान किया है। कहा गया कि मुख्य श्रमायुक्त के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सरकारी बैंकों में जमा, निकासी से चेक क्लियरेंस तक बाधित हो सकता है। निजी बैंकों में भी चेक क्लियरेंस की दिक्कत हो सकती है।
उधर, डाकघरों के करीब चार लाख कर्मचारियों की अगुआई करने वाले नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल एंप्लाईज ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह हड़ताल ग्रामीण डाक सेवक कमेटी की रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को तत्काल लागू करने का दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है। ग्रामीण डाक सेवकों के कल्याण के लिए कमेटी ने नवंबर में 2016 में रिपोर्ट सौंपी थी।
परेशानी से ऐसे बचे
हड़ताल का असर बैंक ब्रांचों में कैश ट्रांजेक्शन और चेक क्लीयरिंग जैसे फाइनेंशियल सर्विसेज पर दिख रहा है, लेकिन इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग सर्विसेज, पीओएस मशीनों और एटीएम आदि के कारण कस्टमर पर ये असर सीमित है। कस्टमर इन सुविधाओं का उपयोग कर परेशानी से बच सकते हैं।
इन बैंकों में नहीं है हड़ताल
आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों में कामकाज सामान्य है।