पति के लिए व्रत
आज भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हरतालिका व्रत रखा जाता है। उत्तर भारत में इस व्रत को हरतालिका तीज, तीज या फिर तीजा नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को जहां सुहागिन अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। वहीं कन्याएं अपना मनचाहा वर पाने के लिए इसे रखती हैं। यह व्रत निर्जल व निराहार रखा जाता है।
निर्जल व्रत होता
हरतालिका व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत में विधिविधान से पूजन करने से भगवान शिव-पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों के मुताबिक माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह कठिन व्रत रखा था। जिसके बाद से महिलाएं इस व्रत को रखती हैं।
यह है पूजा मूहूर्त
हरतालिका तीज की पूजा मूहूर्त में होनी शुभ होती है। ऐसे में ज्योतिषों के मुताबिक हरतालिका तीज का मूहूर्त कल 23 अगस्त की रात 9:03 से शुरू हो चुका है। यह आज 24 अगस्त की रात 8:27 बजे तक रहेगा। वहीं प्रदोषकाल में हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मूहूर्त शाम 6:30 बजे से शुरू होकर रात 08:27 बजे तक रहेगा।
ऐसे होती है पूजा
तीज पर पूरा दिन रखने के बाद शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती हैं। चौकी पर मिट्टी के शिव-पार्वती व गणेश जी की पूजा की जाती हैं। इस दौरान उन पर सुहाग का, फल पकवान व मिठाई आदि चढाई जाती है। रात में भजन व आरती के साथ जागरण होता है। दूसरे दिन सुबह पूजा करने के बाद व्रत तोड़ा जाता है।
24th August, 2017