यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इससे न केवल फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी बल्कि परीक्षा का स्तर भी सुधरेगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा में गैर प्रांतों के वही छात्र बतौर व्यक्तिगत परीक्षार्थी शामिल हो सकेंगे, जो कम से कम दो वर्ष से उत्तर प्रदेश में रह रहे हों। ऐसे अभ्यर्थियों को अब यूपी का निवास प्रमाणपत्र देना होगा।
निवास प्रमाण पत्र के बगैर उनके परीक्षा आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे। परिषद ने परीक्षा में धांधली और नकल माफिया पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से यह पहल की है।
नकल के जरिये हाईस्कूल और इंटर की डिग्री हासिल करने की चाहत में हर वर्ष बड़ी संख्या में गैर प्रांतों के छात्र यूपी बोर्ड की परीक्षा में बतौर प्राइवेट परीक्षार्थी शामिल होते हैं। इसके बदले नकल माफिया मोटी कमाई करते हैं।
ऐसे में नकल विहीन परीक्षा कराने और शिक्षा माफिया पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा परिषद ने गैर प्रांतों के अभ्यर्थियों के लिए निवास प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा परिषद ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिशा निर्देश जारी किया है।
डीआईओएस ओपी राय ने बताया कि प्रदेश के बाहर के छात्रों को परीक्षा आवेेदन भरने के दौरान उत्तर प्रदेश में दो वर्ष से निवास करने का प्रमाणपत्र देना होगा। बिना निवास प्रमाणपत्र के परीक्षा फार्म स्वीकार नहीं किए जाएंगे। हालांकि यह नियम अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों, कश्मीरी विस्थापितों और प्रवासियों पर लागू नहीं होगा।
24th August, 2017