लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी कालेज में बच्चों की मौत के बाद अब फर्रूखाबाद के लोहिया अस्पताल में एक महीने में 49 बच्चों की मौत हो गयी है। इस मामले में राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी पर एफआईआर भी दर्ज किया गया।
बच्चों की मृत्यु की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए शासन स्तर से उच्च स्तरीय टीम भेजकर जांच करायी जाएगी।
बीजेपी के एक प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि 20 जुलाई से 21 अगस्त, 2017 के बीच जिला महिला चिकित्सालय फर्रूखाबाद में प्रसव हेतु 461 महिलाएं एडमिट की गईं, जिनके द्वारा 468 बच्चों को जन्म दिया गया।
इनमें 19 बच्चों की पैदा होते ही मौत हो गई थी। अवशेष 449 बच्चों में से 66 क्रिटिकल बच्चों को न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती कराया गया, जिनमें से 60 बच्चों की रिकवरी हुई, शेष 6 बच्चों को बचाया नहीं जा सका।
इसके अलावा, 145 बच्चे विभिन्न चिकित्सकों एवं अस्पतालों से जिला महिला अस्पताल, फर्रूखाबाद के लिए रेफर किए गए, जिनमें से 121 बच्चे इलाज से स्वस्थ हो गए।
इस प्रकार 20 जुलाई से 21 अगस्त, 2017 के बीच 49 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई।
मीडिया में खबर आने के बाद जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच करायी। समिति के निष्कर्षों से संतुष्ट न होने के बाद जिलाधिकारी द्वारा अपर जिलाधिकारी से मजिस्ट्रेटी जांच करायी गयी।
उक्त के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा प्राथिमिकी दर्ज करायी गयी है। डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ ने बताया कि पैरीनेटल एस्फिक्सिया के कई कारण हो सकते हैं।
4th September, 2017