लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने किसानों के कर्जमाफी का वादा किया था। वादे के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को कर्जमुक्त करने का कदम उठाया। एक तरफ उनके एक लाख रुपये तक के फसली कर्ज को माफ करने के आदेश पर अमल के लिए हर जिले में कर्जमाफी सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ यूपी के कुछ जिलों में अधिकारियों और बैंकों के गलत गणित ने इस योजना पर विपक्ष हमलावर है। ऐसे में विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। एक लाख की जगह बागपत में एक किसान के सिर्फ आठ पैसे और बिजनौर के किसान के सिर्फ नौ पैसे की माफ हुए हैं।
10 पैसे से लेकर 100 रुपये माफ होने वाले किसानों की लिस्ट काफी लंबी हैं। किसान इसको लेकर परेशान हैं और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। बुधवार को मुजफ्फरनगर में किसानों को कर्जमाफी सर्टिफिकेट मंत्री सतीश महाना ने बांटे। सीएम योगी ने एक सप्ताह पहले किसानों की कर्जमाफी स्कीम के तहत किसानों को सर्टिफिकेट बांटने की शुरुआत की थी।
उसके बाद मेरठ में मंत्री सिद्धार्धनाथ सिंह, बुलंदशहर में स्वतंत्रदेव सिंह, शामली में अनूपमा जायसवाल, मुजफ्फरनगर में सतीश महाना के अलावा बाकी जिलों में भी मंत्रियों ने सर्टिफिकेट बांटने का काम किया। लेकिन एक लाख रुपये तक के कर्जमाफी के सर्टिफिकेट लेने गए काफी किसानों के होश तब उड़ गए, जब किसी को 500 को किसी को 100 और 50 रुपये माफी की जानकारी मिली। इतना ही नहीं कुछ तो ऐसे भी किसान थे, जिनका आठ पैसे और नौ पैसे तक का कर्ज माफ हुआ। खुद को ठगा महसूस कर रहे किसान अब मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
कई किसानों को सिर्फ 10 रुपये, 38 रुपये माफी के सर्टिफेकेट मिले। 114 किसानों का एक लाख तक का कर्ज जरूर माफ हुआ। एक किसान ने 60 हजार का कर्ज लिया था, लेकिन सर्टिफिकेट में सिर्फ 38 रुपये ही माफ हैं। एक हजार से कम कर्ज माफ वाले किसानों की तादाद करीब 23 है। इनमें 9 पैसे से लेकर 377 रुपये तक का कर्ज माफी वाले किसान भी शामिल हैं। नगीना के किसान बलिया के 9 पैसे, बास्टा के चरन सिंह 84 पैसे, आंकू के रामधन के 2 रुपये, अफजलगढ़ के भागेश के 6 रुपये, भंडवार के हीरा के 3 रुपये, नजीबाबाद चौक की जसवंती के 21 रुपये, किरतपुर के दयाराम के 91 रुपये 52 पैसे, नहटौर की पदमादेवी के 115 रुपये, धामपुर के बलजीत सिंह के 126 रुपये, किरतपुर के दौलत सिंह के 377 रुपये माफ हुए हैं।
मामले की हो रही जांच
इतने कम पैसे का कर्ज कैसे माफ हुआ इसपर सरकार सख्ती से देख रही है किसानों के इतने कम पैसे कैसे माफ हुए। इसके बारे में बैंक और अफसर गोपनीय जांच में जुट गए है। कुछ जगह लिखने में गलती की बात भी सामने आ रही हैं। जहां-जहां कर्ज माफी के सर्टिफिकेट बंट गए और जहां अभी बंटने से रह रहे हैं, वहां किसानों के खातों में जांच कराई जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ यूपी के कुछ जिलों में अधिकारियों और बैंकों के गलत गणित ने इस योजना पर विपक्ष हमलावर है। ऐसे में विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। एक लाख की जगह बागपत में एक किसान के सिर्फ आठ पैसे और बिजनौर के किसान के सिर्फ नौ पैसे की माफ हुए हैं।
10 पैसे से लेकर 100 रुपये माफ होने वाले किसानों की लिस्ट काफी लंबी हैं। किसान इसको लेकर परेशान हैं और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। बुधवार को मुजफ्फरनगर में किसानों को कर्जमाफी सर्टिफिकेट मंत्री सतीश महाना ने बांटे। सीएम योगी ने एक सप्ताह पहले किसानों की कर्जमाफी स्कीम के तहत किसानों को सर्टिफिकेट बांटने की शुरुआत की थी।
उसके बाद मेरठ में मंत्री सिद्धार्धनाथ सिंह, बुलंदशहर में स्वतंत्रदेव सिंह, शामली में अनूपमा जायसवाल, मुजफ्फरनगर में सतीश महाना के अलावा बाकी जिलों में भी मंत्रियों ने सर्टिफिकेट बांटने का काम किया। लेकिन एक लाख रुपये तक के कर्जमाफी के सर्टिफिकेट लेने गए काफी किसानों के होश तब उड़ गए, जब किसी को 500 को किसी को 100 और 50 रुपये माफी की जानकारी मिली। इतना ही नहीं कुछ तो ऐसे भी किसान थे, जिनका आठ पैसे और नौ पैसे तक का कर्ज माफ हुआ। खुद को ठगा महसूस कर रहे किसान अब मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
कई किसानों को सिर्फ 10 रुपये, 38 रुपये माफी के सर्टिफेकेट मिले। 114 किसानों का एक लाख तक का कर्ज जरूर माफ हुआ। एक किसान ने 60 हजार का कर्ज लिया था, लेकिन सर्टिफिकेट में सिर्फ 38 रुपये ही माफ हैं। एक हजार से कम कर्ज माफ वाले किसानों की तादाद करीब 23 है। इनमें 9 पैसे से लेकर 377 रुपये तक का कर्ज माफी वाले किसान भी शामिल हैं। नगीना के किसान बलिया के 9 पैसे, बास्टा के चरन सिंह 84 पैसे, आंकू के रामधन के 2 रुपये, अफजलगढ़ के भागेश के 6 रुपये, भंडवार के हीरा के 3 रुपये, नजीबाबाद चौक की जसवंती के 21 रुपये, किरतपुर के दयाराम के 91 रुपये 52 पैसे, नहटौर की पदमादेवी के 115 रुपये, धामपुर के बलजीत सिंह के 126 रुपये, किरतपुर के दौलत सिंह के 377 रुपये माफ हुए हैं।
मामले की हो रही जांच
इतने कम पैसे का कर्ज कैसे माफ हुआ इसपर सरकार सख्ती से देख रही है किसानों के इतने कम पैसे कैसे माफ हुए। इसके बारे में बैंक और अफसर गोपनीय जांच में जुट गए है। कुछ जगह लिखने में गलती की बात भी सामने आ रही हैं। जहां-जहां कर्ज माफी के सर्टिफिकेट बंट गए और जहां अभी बंटने से रह रहे हैं, वहां किसानों के खातों में जांच कराई जा रही है।
16th September, 2017