वर्तमान में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण सदाकान्त जो उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के बहुत नजदीक माने जाते है इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि केशव मौर्य जब छोटी राजनीति करते थे तब सदाकान्त मंडलायुक्त इलाहाबाद थे, और उन्होने मौर्य को खूब संरक्षण दिया।
सादा जीवन उच्च विचार की विचारधारा रखने वाले अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण सदाकान्त हमेशा महत्वपूर्ण पदों पर रहे है सरकारें किसी की भी हो बड़े से बड़े नेताओं और विभिन्न विचारधाराओं को सादा जीवन उच्च विचार से प्रभावित कर लेते है। पूर्व सपा सरकार के मुखिया अखिलेश यादव के बहुत ही करीब थे। आवास विकास और लोक निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कमान संभाल रहे थे। ये दोनों विभाग कितने महत्वपूर्ण कमाऊ और लूटने के सबसे बड़े विभागों के रूप में जाने जाते है। अभी तक का यह रेकॉर्ड रहा है कि इन विभागों की कमान संभालने वाले नौकरशाह राजनीतिक मुखिया को खुश करने के लिए किसी भी हद तक नियम कानून को ताख पर रखकर काम करते रहे है।
सत्येंद्र सिंह लखनऊ विकास प्राधिकरण के एक छोटे से मोहरे है इसके असली संरक्षण दाता सदाकान्त ही रहे है कोई भी जांच सदाकान्त को शामिल किए बिना अधूरी होगी। सत्येंद्र सिंह दबी जुबान में ही सदाकान्त का नाम डर डर के ले रहे है लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ वास्तविक रूप से अखिलेश सरकार के आवास विकास और लखनऊ विकास प्राधिकरण की निष्पक्ष जाच करना चाहते है तो घोटालों की सीबीआई जांच तत्काल संस्तुति कर देनी चाहिए क्योकि यूपी की कोई भी जांच एजेंसी सादा जीवन उच्च विचार रखने वाले सदाकान्त की निष्पक्ष जांच करने की हिमाकत नहीं कर पाएगी। योगी जी को जल्दी ही गड्ढा मुक्त घोषणाओं में हुई लूट की असलियत पता चल जाएगी और सादा जीवन उच्च विचार के इस नौकरशाह की वास्तविकता भी सामने आ जाएगी।
बड़बोले उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य पर सादा जीवन उच्च विचार वाले नौकरशाह बहुत भारी पड़ रहे है।
सदाकान्त ने प्रधानमंत्री के वीआईपी कल्चर खत्म करने के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए टोल प्लाज़ा को लेकर एक ऐसा शासनादेश जारी कर दिया जिससे योगी सरकार की भी बहुत किरकिरी हुई।
18th September, 2017