उन्होंने कहा 18 जुलाई को राज्यसभा में उन्हें इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष ने बोलने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। यही वजह है कि मैंने राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
मायावती ने बीजेपी पर दलित वोट तोड़ने का आरोप लगते हुए कहा कि उन्होंने दलितों की एकता को तोड़ने के लिए रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। मायावती ने अपील की कि दलित उनका साथ न छोड़ें, क्योंकि वे कही असली दलित चिंतक हैं। रैली में मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग उनकी हत्या करवाना चाहते हैं। बता दें कि राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने के बाद मायावती की यह पहली रैली थी।