वाराणसी। यहां बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हुए बवाल की जांच रिपोर्ट वाराणसी कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है। कमिश्नर ने रिपोर्ट में बवाल बढ़ने के पीछे बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, वाराणसी कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बीएचयू के वीसी को दिल्ली तलब किया है।
वाराणसी कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने चीफ सेकेट्ररी राजीव कुमार को दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि बीएचयू के प्रशासन ने पीड़ित की शिकायत पर ढंग से कार्रवाई नहीं की और ना ही हालात को सही तरीके से संभाला गया। बता दें कि बीएचयू में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के बाद किए जा रहे धरना प्रदर्शन और विरोध से माहौल काफी बिगड़ गया था।
मोदी-शाह की योगी से बात
सोमवार को ही बीएचयू की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और जरूरी कदम उठाने को कहा है।
लाठीचार्ज ने बिगाड़ा माहौल
बता दें कि शनिवार को बीएचयू परिसर में हिंसा और तनाव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने 25 थानों की पुलिस बुलाई थी। अहिंसक आंदोलन कर रही छात्राओं पर एक बार लाठीचार्ज की कार्रवाई शुरू हुई, तो पुलिस के जवान छात्रावासों में घुस गए और स्टूडेंट्स की पिटाई की.
1200 छात्र-छात्राओं पर केस
इस मामले को लेकर वाराणसी पुलिस ने बीएचयू परिसर में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोपों के तहत 1200 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस में लाठीचार्ज के लिए पहली नजर में दोषी पाए गए लंका थाने के इंचार्ज, भेलूपुर के सीओ और एक अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट को हटा दिया गया है.
26th September, 2017