कपिल के हाथ का हुनर, पर्यावरण बचाओं का संदेश
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लखनऊ। लखनऊ के एक ऐसे सख्श जिन्होंने वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए एक ऐसी तरकीब निकाली है जिसे आने वाले समय में एक बेहतर आयाम दिया जा सकता है। वह पुराने इन्विटेशन एवं बधाई कार्डों, पुराने कैलेंडरों और मैगज़ीन को ऐसा स्वरूप देते है कि वह उपयोगी वस्तु हो जाती है।
राजधानी लखनऊ के पार्क रोड में रहने वाली मधु भाटिया ने 22 साल पहले जिस बच्चे को गोद लिया था वह है कपिल यादव। कपिल मूलत देवरिया के रहने वाले है लेकिन वह पिछले 22 सालों से मधु जी के साथ है। कपिल को बचपन से ही कुछ अलग करने की ख़्वाहिश थी। महज 7 साल की उम्र से ही उन्होंने यह निर्णय लिया की मुझे कुछ अलग कर अपनी पहचान बनानी है और यह सोच उनके कदम को आगे बढ़ाती गयी।
कपिल यादव शादी के पुराने इन्विटेशन कार्डों को काट-छाटकर उसे नया स्वरूप देते है, जिससे यह पता ही नहीं चलता की वह पुराने कार्ड है। ऐसे ही कपिल ने बहुत से पुराने चीजों का इस्तेमाल कर उसे नया स्वरूप दिया। जैसे- ग्रीटिंग कार्ड या वेडिंग कार्ड से गिफ्ट कार्ड बनाना, इंवेलप्स बनाना, बूक मार्क और गिफ्ट टैग्स बनाना। इसके अलावा पुराने कैलेंडरों को डेकोरेट कर पेपर बैग्स, ऑर्गनाइजर, पेन स्टैंड बनाना इत्यादि।
घर में पड़े हुए पुराने सीडी को खुद से सजाकर डेकोरटीव टी लाइट, वाल हैंगिंग के रूप में बनाना जो पहले से ज्यादा आकर्षक और बेहतरीन लगते है। इसके साथ ही वह पुराने मैगज़ीन और औडियो कैसेट्स का इस्तेमाल कर पेन स्टैंड बना देते है। वह पुराने मैगज़ीन को मेहनत से डिज़ाइन कर उसे बास्केट में बदल देते है। जिसे आप डाइनिंग रूम में सजा सकते है।
क्या सोचते है कपिल
कपिल यादव मानते है कि दो तरह के लोग होते है। पहले वो जो शादी या इन्विटेशन की डेट देखकर कार्ड फेक देते है, दूसरे वह लोग जो यह सोचते है इसे फेकने से धार्मिक भावनाए आहत होती है। इसे नदी में प्रवाहित करने से पुण्य मिलेगा। उनका कहना है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। जो भी कार्ड बनते है उसे डेकोरेट करने के लिए कलर का इस्तेमाल होता है जिसमें केमिकल होता है। पानी में मिलकर पानी को दूषित करता है। हमारे शरीर में 70 फीसदी पानी है। बगैर पानी जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसा करके हम उस चीज को बर्बाद कर रहे है जिसपर हमारा जीवन निर्भर है। उन्होंने अपील की है कि अगर वह चीजे आपके मतलब या इस्तेमाल की नहीं है तो वह उन्हे दे दें जिसे वह री-साइकल कर पुनः इस्तेमाल करने लायक बना सके जिससे वातावरण को स्वच्छ बनाने में लोगों को प्रोत्साहन मिले।
घर पर स्टाल लगाते है कपिल
कपिल हजरतगंज के C/9 पार्क रोड वाल्नट बेकरी के पीछे अपनी स्टाल लगाते है और कई मंचों पर भी वह अपनी इस कला का प्रदर्शन कर चुके है।
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कपिल यादव मानते है कि दो तरह के लोग होते है। पहले वो जो शादी या इन्विटेशन की डेट देखकर कार्ड फेक देते है, दूसरे वह लोग जो यह सोचते है इसे फेकने से धार्मिक भावनाए आहत होती है। इसे नदी में प्रवाहित करने से पुण्य मिलेगा। उनका कहना है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। जो भी कार्ड बनते है उसे डेकोरेट करने के लिए कलर का इस्तेमाल होता है जिसमें केमिकल होता है। पानी में मिलकर पानी को दूषित करता है। हमारे शरीर में 70 फीसदी पानी है। बगैर पानी जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसा करके हम उस चीज को बर्बाद कर रहे है जिसपर हमारा जीवन निर्भर है। उन्होंने अपील की है कि अगर वह चीजे आपके मतलब या इस्तेमाल की नहीं है तो वह उन्हे दे दें जिसे वह री-साइकल कर पुनः इस्तेमाल करने लायक बना सके जिससे वातावरण को स्वच्छ बनाने में लोगों को प्रोत्साहन मिले।
घर पर स्टाल लगाते है कपिल
कपिल हजरतगंज के C/9 पार्क रोड वाल्नट बेकरी के पीछे अपनी स्टाल लगाते है और कई मंचों पर भी वह अपनी इस कला का प्रदर्शन कर चुके है।