उत्तर प्रदेश में अपराधों को कम करने और अपराधियों को सबक सिखाने के उद्देश्य से यूपी पुलिस लगातार ही एनकाउंटर को अंजाम दे रही है। यूपी पुलिस न केवल अपराधियों का एनकाउंटर कर रही है बल्कि उसने मानवाधिकार संगठन ऐमनेस्टी इंडिया का भी ‘एनकाउंटर’ कर दिया है। दरअसल, एमनेस्टी इंडिया ने मंगलवार को कुछ आंकड़े पेश करते हुए ट्वीट कर यूपी पुलिस पर पावर का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था, जिसका पुलिस ने ऐसा जवाब दिया कि एमनेस्टी इंडिया को अपना पहला ट्वीट डिलीट करना पड़ गया और साथी ही आंकड़ों में सुधार करते हुए दूसरा ट्वीट भी करना पड़ गया।
एमनेस्टी ने ट्वीट किया था, ‘उत्तर प्रदेश में मार्च 2017 से जनवरी 2018 के बीच पुलिस ने जितने भी एनकाउंटर किए हैं, उनमें 900 लोगों की मौत हुई। राष्ट्रीय मानवाधिकार कमीशन का कहना है कि यूपी पुलिस ‘अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है।’ इसके बाद यूपी पुलिस ने एमनेस्टी को घेरते हुए ट्वीट किया, ‘आपके आंकड़ों में काफी बड़ी मानवीय गलती है। आपने घायलों और मारे गए लोगों को एक जैसा ही समझ लिया। हम आपको बताना चाहते हैं कि एनकाउंटर में 37 लोगों की ही मौत हुई है, आपसे विनती है कि जिंदा लोगों का सम्मान करें और उन्हें मृत घोषित ना किया जाए। हम कानूनी नोटिस पूरी रिसर्च के बाद भेजेंगे।’
पुलिस द्वारा यह जवाब मिलने के बाद एमनेस्टी ने ट्वीट डिलीट करते हुए दूसरा ट्वीट किया, ‘सुधार: पुराने ट्वीट में कहा गया था कि मार्च 2017 से जनवरी 2018 के बीच 900 लोगों को एनकाउंटर में मारा गया है, लेकिन हम इसमें सुधार करते हुए बताना चाहते हैं कि इन आंकड़ों में मृत और घायल दोनों लोग शामिल हैं।’ अगला ट्वीट करते हुए एमनेस्टी की ओर से कहा गया, ‘मार्च 2017 से जनवरी 2018 के बीच उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर में करीब 900 लोग मारे गए हैं या घायल हो गए हैं।’ आपको बता दें कि यूपी में मार्च 2017 और जनवरी 2018 के बीच यूपी पुलिस ने 1142 एनकाउंटर किए थे, जिनमें 37 लोग मारे गए थे।
7th February, 2018