लखनऊ। नीरव मोदी, विजय माल्या और ललित मोदी जैसे देशद्रोही गरीब जनता का अरबों-खरबो रुपये फ्रॉड करके विदेश भाग गए। इन भ्रष्टाचारियों को विदेश भागने से रोकने में देश की समस्त जांच एजेंसिया फेल साबित हुई। केंद्र सरकार भी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सकी। उच्चतम न्यायालय के निर्देश का अनुपालन नही हो सका, और यह देशद्रोही अरबों के घोटाले करके भाग खड़े हुये। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कानूनी लड़ाई क्या है। सहारा ग्रुप ने क्या गलतियाँ की है और सेबी से लेकर कई जांच एजेंसिया उच्चतम न्यायालय के निगरानी में क्या कार्रवाई कर रही है। जिसके कारण सहारा ग्रुप के चेयरमैंन को 26 महीने तक जेल में रहना पड़ा। आज भी जांच से घिरे है। यह अलग विषय है विभिन्न एजेंसिया उच्चतम न्यायालय के निगरानी में बकाया धनराशि की वसूली करने के लिए सहारा ग्रुप की सम्मपत्तियों को नीलम करने की प्रक्रिया कर रही है। सहारा ने किन क़ानूनों का उल्लंघन किया उसपर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन दूसरा व्यवहारिक पहलू जो दिखाई दे रहा है सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय सहारा ने एक राष्ट्रभक्त की तरह कानून का पालन किया और आज भी कर रहे है। नीरव मोदी, ललित मोदी और विजय माल्या की तुलना में सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय सहारा की राजनेताओं सेलिब्रिटीस, नौकरशाहों एवं अन्य प्रभावशाली लोगों से व्यक्तिगत संबंध है। लेकिन उन्होने इन सम्बन्धों का कोई फायदा नहीं लिया और आज भी देश के कानून का पालन कर रहे है। यह भी सत्य है कि ललित मोदी, माल्या और तमाम व्यवसायिक घरानों से ज्यादा रोजगार सहारा ग्रुप ने दिये है और आज भी कठिन परिस्थितियों में रोजगार देने के मामले में सहारा ग्रुप बड़ा संस्थान है। विभिन्न जांच एजेंसियों को जांच करते हुए कई वर्ष हो गए लेकिन कोई ऐसा माहौल नहीं सामने आया जिसमें जमाकर्ता सहारा ग्रुप से पैसे की मांग करते सड़क पर दिखाई दिये हो। देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। बेरोजगारों के हित में सुब्रत राय सहारा को दलगत राजनीति से उठकर मदद करनी चाहिए। क्योकि रोजगार सृजन मामले में सुब्रत राय सहारा की एक अलग सोच और क्षमता रखते है। जिन भी कमियों और गलतियों से सहारा ग्रुप संकट में आया है उसे दूर करने के लिए एक पहल होनी चाहिये। यहां एक छोटा सा उदाहरण यह है कि सुब्रत रॉय सहारा रोजगार सृजन मामले में कितनी बड़ी क्षमता एवं सोच रखते है कि उनकी एक व्यवसायिक सोच सहारा Q के फार्मूले पर बाबा रामदेव का पतंजलि ग्रुप देश के एक बड़े व्यवसायिक घरानों में शामिल हो गया है।
18th February, 2018