लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल एक अच्छी शुरुआत है। उद्योग के संभावनाएं भी बहुत है, लेकिन साथ ही साथ चुनौतियाँ भी । यह पहला अवसर है जब केंद्र और प्रदेश में एक ही पार्टी भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार है और दोनों में बेहतर तालमेल है। इससे प्रधानमंत्री के इस बात पर बल मिलता है कि डबल इंजन से विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। मोदी और योगी के साथ-साथ देश के बड़े उद्योगपतियों ने उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट को लेकर उत्सुकता दिखाई है। निश्चित रूप से प्रदेश के अच्छे भविष्य का संकेत है। क्योकि 1989 के बाद कभी भी केंद्र और प्रदेश में एक दल की सरकार नहीं रही है। जिसका दुष्परिणाम यह है कि यूपी के पिछड़ेपन के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार एक दूसरे पर आरोप लगाती रही है। विकास के नाम पर केवल सियासत हुई है। इसके पहले भी अमर सिंह ने साप सरकार में विकास परिषद का गठन करके उद्योगपतियों का एक बड़ा सम्मेलन यूपी में कराया था। अखिलेश यादव ने भी पहल की थी लेकिन केंद्र और प्रदेश की सियासत के बीच उद्योग लगाने की पहला घोषणाओं और एमओयू तक सीमित होकर रह गई।
आज जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय उद्योगो अलीगढ़, ताला उद्योग, मुरादाबाद पीतल उद्योग, भदोही कालीन उद्योग बनारस सिल्क साड़ी उद्योग, लखनऊ चिकन उद्योग, मलीहाबाद की आम उद्योग एवं आलू और गन्ना उत्पादकों के साथ-साथ एक जनपद एक प्रोडक्ट पर केंद्र एवं प्रदेश की सरकार आपस में मिलकर कार्य करने की घोषणा की है और अंबानी, अडानी, बिरला, गोदरेज, एस्सेल ग्रुप ने लगभग एक लाख करोड़ उद्योग पर खर्च करने की सहमति जताई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन उद्योगपतियों के साथ सिंगल विंडो के माध्यम से सीधे समीक्षा करने की बात कही है। इससे तो यह स्पष्ट है कि मोदी और योगी की नीति और नियत दोनों उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। साथ ही इनके लिए मजबूरी भी है कि अगर 2019 में केंद्र में भाजपा सरकार को लाना है तो यूपी की जनता का विश्वास जीतना होगा। बिना यूपी के सहयोग के केंद्र में भाजपा सरकार बन नहीं सकती क्योकि 543 में से 80 सीटें यूपी में है और 2014 में 73 सीटों पर भाजपा और उसके समर्थित प्रत्याशी सांसद चुने गए थे। अब मोदी के लिए घोषणाओं को अमली जामा पहनाना एक बड़ी चुनौती है क्योकि गत चार वर्षों के कार्यकाल में मोदी सरकार यूपी के विकास को लेकर कोई मजबूत खाका प्रदेश में अभी तक नहीं बना पाई है। जिससे की मोदी की बातों पर जनता भरोसा कर सके। मोदी के सामने अब कोई बहाना भी नहीं बचा है कि केंद्र सरकार पैसे दे रही है और प्रदेश सरकार विकास नहीं कर रही है। इसलिए मोदी ने आज योगी की भी जमकर तारीफ की और यूपी की 22 करोड़ जनता को यह भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि अब केंद्र और प्रदेश दो इंजन एक साथ है। इसलिए विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। समय कम है घोषणाएँ और वादे बहुत ज्यादा है। जनता अब तभी भरोसा करेगी जब घोषणाएँ जमीनी हकीकत पर बदल जाएंगी। इसीलिए यह सही है कि संभावनाओं के साथ-साथ मोदी योगी के सामने चुनौतियाँ भी बड़ी है।
अदाणी समूह के मुखिया ने कहा समूह अगले 5 वर्ष में राज्य में 35,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। समूह उत्तर प्रदेश में फूड एंड एग्री कांप्लेक्स, मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी भी बनाएगा। उन्होंने राज्य की मेट्रो परियोजनाओं में भी निवेश करने पर अपनी सहमति जताई।
जी समूह के प्रमुख सुभाष चंद्रा ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में 18,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले 30,000 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर होते थे और वास्तविक निवेश केवल 3,000 करोड़ रुपये का ही होता था। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं।
सबसे पहले मुकेश अंबानी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह उत्तर प्रदेश में अगले 3 वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। साथ ही उन्होंने 3 वर्ष में राज्य में एक लाख नई नौकरियों का भी वादा किया। उन्होंने आगे कहा, 'रिलायंस नमामि गंगा परियोजना को सहायता प्रदान करेगा और अगले 2 माह में उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए 2 करोड़ जियो स्मार्ट फोन लेकर आएंगे।'
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि निवेशक सम्मेलन में 1,045 समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और इनसे 4.28 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। उन्होंने कहा कि यह रकम राज्य के इस बार के कुल बजट के आकार के बराबर है।
आज जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय उद्योगो अलीगढ़, ताला उद्योग, मुरादाबाद पीतल उद्योग, भदोही कालीन उद्योग बनारस सिल्क साड़ी उद्योग, लखनऊ चिकन उद्योग, मलीहाबाद की आम उद्योग एवं आलू और गन्ना उत्पादकों के साथ-साथ एक जनपद एक प्रोडक्ट पर केंद्र एवं प्रदेश की सरकार आपस में मिलकर कार्य करने की घोषणा की है और अंबानी, अडानी, बिरला, गोदरेज, एस्सेल ग्रुप ने लगभग एक लाख करोड़ उद्योग पर खर्च करने की सहमति जताई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन उद्योगपतियों के साथ सिंगल विंडो के माध्यम से सीधे समीक्षा करने की बात कही है। इससे तो यह स्पष्ट है कि मोदी और योगी की नीति और नियत दोनों उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। साथ ही इनके लिए मजबूरी भी है कि अगर 2019 में केंद्र में भाजपा सरकार को लाना है तो यूपी की जनता का विश्वास जीतना होगा। बिना यूपी के सहयोग के केंद्र में भाजपा सरकार बन नहीं सकती क्योकि 543 में से 80 सीटें यूपी में है और 2014 में 73 सीटों पर भाजपा और उसके समर्थित प्रत्याशी सांसद चुने गए थे। अब मोदी के लिए घोषणाओं को अमली जामा पहनाना एक बड़ी चुनौती है क्योकि गत चार वर्षों के कार्यकाल में मोदी सरकार यूपी के विकास को लेकर कोई मजबूत खाका प्रदेश में अभी तक नहीं बना पाई है। जिससे की मोदी की बातों पर जनता भरोसा कर सके। मोदी के सामने अब कोई बहाना भी नहीं बचा है कि केंद्र सरकार पैसे दे रही है और प्रदेश सरकार विकास नहीं कर रही है। इसलिए मोदी ने आज योगी की भी जमकर तारीफ की और यूपी की 22 करोड़ जनता को यह भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि अब केंद्र और प्रदेश दो इंजन एक साथ है। इसलिए विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। समय कम है घोषणाएँ और वादे बहुत ज्यादा है। जनता अब तभी भरोसा करेगी जब घोषणाएँ जमीनी हकीकत पर बदल जाएंगी। इसीलिए यह सही है कि संभावनाओं के साथ-साथ मोदी योगी के सामने चुनौतियाँ भी बड़ी है।
अदाणी समूह के मुखिया ने कहा समूह अगले 5 वर्ष में राज्य में 35,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। समूह उत्तर प्रदेश में फूड एंड एग्री कांप्लेक्स, मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी भी बनाएगा। उन्होंने राज्य की मेट्रो परियोजनाओं में भी निवेश करने पर अपनी सहमति जताई।
जी समूह के प्रमुख सुभाष चंद्रा ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में 18,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले 30,000 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर होते थे और वास्तविक निवेश केवल 3,000 करोड़ रुपये का ही होता था। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं।
सबसे पहले मुकेश अंबानी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह उत्तर प्रदेश में अगले 3 वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। साथ ही उन्होंने 3 वर्ष में राज्य में एक लाख नई नौकरियों का भी वादा किया। उन्होंने आगे कहा, 'रिलायंस नमामि गंगा परियोजना को सहायता प्रदान करेगा और अगले 2 माह में उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए 2 करोड़ जियो स्मार्ट फोन लेकर आएंगे।'
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि निवेशक सम्मेलन में 1,045 समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और इनसे 4.28 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। उन्होंने कहा कि यह रकम राज्य के इस बार के कुल बजट के आकार के बराबर है।
21st February, 2018