घोटाला नहीं खुला होता तो समिट में शामिल होते कोठारी।
उद्योगपतियों के कर्ज, संपत्ति और एनपीए की जांच के बाद ही अनुबंध का अनुपालन कराना चाहिए- यूरिड मीडिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट में 5000 करोड़ रुपये से अधिक बैंको को लूटने वाले विक्रम कोठारी आमंत्रित उद्योगपतियों की श्रेणी में 88वें नंबर पर थे। अगर चार दिन पहले कोठारी के घोटाले की कलई ना खुली होती तो इन्वेस्टर्स समिट के अहम उद्योगपतियों की श्रेणी में शामिल होते। जिस तरह से दावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीरव मोदी की फोटो है उसी तरह से विक्रम कोठारी की फोटो पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ होती, और यह घोटालेबाज लूटेरा समिट के इन्ही फोटो का सहारा लेकर और अरबो-खरबो की लूट करता। यूपी की 22 करोड़ जनता का सौभाग्य है कि इस लूटेरे से लूटने से बच गयी।
अब सवाल यह उठता है कि इन्वेस्टर्स समिट में 4 लाख 28 हजार करोड़ का अनुबंध उत्तर प्रदेश सरकार से हुआ है। जिसमें विक्रम कोठारी जैसे फ्रॉड नहीं होंगे? अगर मोदी और कोठारी जैसे लूटेरों से उत्तर प्रदेश को बचाना है तो इन्वेस्टर्स समिट में शामिल उद्योगपतियों के 4 करोड़ 28 लाख के प्रस्तावों को तभी अमल में लाना चाहिए जब आरबीआई एवं निगरानी कमेटी अनुबंध करने वाले समस्त उद्योगपतियों का सर्टिफिकेट जारी ना कर दें कि इनपर विभिन्न बैंकों का कितना कर्ज है, इनकी संपत्ति कितनी है और क्या जिन बैंकों से कर्ज लिए है उनका नियमित भुगतान कर रहे हैं। जबतक आरबीआई से यह सर्टीफिकेट उद्योगपतियों का ना मिल जाए तब तक प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हित में यही होगा तब तक अनुबंध लागू ना करें। यहीं नहीं सीएम योगी की नैतिक ज़िम्मेदारी है कि मीडिया और नौकरशाहों की वाहावाही में यूपी को आँख बंद करके लूटने ना दें। अनुबंध करने वाले प्रत्येक उद्योगपति के कर्ज लेने संपत्ति एनपीए और उसकी साख की जांच बैंको की निगरानी कमेटी और आरबीआई से जरूर करा लें। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि वित्तीय अनिमियतता करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। पीएम का यह बयान विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, विक्रम कोठारी जैसे तमाम घोटालेबाजों पर कितना लागू हो पाएगा यह तो समय बताएगा।
उद्योगपतियों के कर्ज, संपत्ति और एनपीए की जांच के बाद ही अनुबंध का अनुपालन कराना चाहिए- यूरिड मीडिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट में 5000 करोड़ रुपये से अधिक बैंको को लूटने वाले विक्रम कोठारी आमंत्रित उद्योगपतियों की श्रेणी में 88वें नंबर पर थे। अगर चार दिन पहले कोठारी के घोटाले की कलई ना खुली होती तो इन्वेस्टर्स समिट के अहम उद्योगपतियों की श्रेणी में शामिल होते। जिस तरह से दावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीरव मोदी की फोटो है उसी तरह से विक्रम कोठारी की फोटो पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ होती, और यह घोटालेबाज लूटेरा समिट के इन्ही फोटो का सहारा लेकर और अरबो-खरबो की लूट करता। यूपी की 22 करोड़ जनता का सौभाग्य है कि इस लूटेरे से लूटने से बच गयी।
अब सवाल यह उठता है कि इन्वेस्टर्स समिट में 4 लाख 28 हजार करोड़ का अनुबंध उत्तर प्रदेश सरकार से हुआ है। जिसमें विक्रम कोठारी जैसे फ्रॉड नहीं होंगे? अगर मोदी और कोठारी जैसे लूटेरों से उत्तर प्रदेश को बचाना है तो इन्वेस्टर्स समिट में शामिल उद्योगपतियों के 4 करोड़ 28 लाख के प्रस्तावों को तभी अमल में लाना चाहिए जब आरबीआई एवं निगरानी कमेटी अनुबंध करने वाले समस्त उद्योगपतियों का सर्टिफिकेट जारी ना कर दें कि इनपर विभिन्न बैंकों का कितना कर्ज है, इनकी संपत्ति कितनी है और क्या जिन बैंकों से कर्ज लिए है उनका नियमित भुगतान कर रहे हैं। जबतक आरबीआई से यह सर्टीफिकेट उद्योगपतियों का ना मिल जाए तब तक प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हित में यही होगा तब तक अनुबंध लागू ना करें। यहीं नहीं सीएम योगी की नैतिक ज़िम्मेदारी है कि मीडिया और नौकरशाहों की वाहावाही में यूपी को आँख बंद करके लूटने ना दें। अनुबंध करने वाले प्रत्येक उद्योगपति के कर्ज लेने संपत्ति एनपीए और उसकी साख की जांच बैंको की निगरानी कमेटी और आरबीआई से जरूर करा लें। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि वित्तीय अनिमियतता करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। पीएम का यह बयान विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, विक्रम कोठारी जैसे तमाम घोटालेबाजों पर कितना लागू हो पाएगा यह तो समय बताएगा।
24th February, 2018