फूलपुर में बीजेपी ने कौशलेन्द्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस और सपा ने क्रमश: मनीष मिश्र एवं नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है. नौ निर्दलीय सहित कुल 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों में बाहुबली अतीक अहमद भी शामिल हैं. अतीक इसी सीट से 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा के टिकट पर विजयी हुए थे.
पटेलों के अलावा यहां पासी समुदाय (अनुसूचित जाति) के मतदाताओं की संख्या भी अधिक है जो बीजेपी के पारंपरिक वोटर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि फूलपुर सीट पर बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य निर्वाचित हुए थे लेकिन उत्तर प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था . इसके बाद रिक्त हुई इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. फूलपुर संसदीय क्षेत्र में फूलपुर, फाफामउ, सोरांव (अनुसूचित जाति), इलाहाबाद उत्तर और इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीटें आती हैं. बीजेपी के लिए फूलपुर का महत्व इस लिहाज से भी है कि 2014 में पहली बार इस क्षेत्र में कमल खिला था.
यहां के 18 लाख वोटरों में से 17 प्रतिशत मतदाता पटेल समुदाय से हैं. इस कारण से चुनावी लिहाज से फूलपुर का सबसे अहम जातीय समुदाय है. इसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1984-99 तक यहा पटेल समुदाय का नेता ही चुनाव जीतता रहा है. इसी पृष्ठभूमि में संभवतया बीजेपी और सपा ने यहां से पटेल उम्मीदवार को इस बार मैदान में उतारा है. हालांकि फूलपुर एक जमाने में कांग्रेस का गढ़ माना जाता था और यहीं से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू चुनकर संसद पहुंचे थे. यहां 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी जीती.
10th March, 2018