लोकसभा में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वित्त एवं विनियोग विधेयक 2018 पेश किया. आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, पीएनबी धोखाधड़ी मामले समेत विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच लोकसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक को पारित किया गया. लोकसभा में बुधवार को बिना चर्चा के ही वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी. इससे पहले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की 99 मांगों को गिलोटिन के जरिये मंजूरी दी गई. हाल के वर्षो में शायद यह पहला मौका है सदन ने ध्वनिमत से विपक्ष के विभिन्न कटौती प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया, साथ ही 21 सरकारी संशोधनों को पारित किया. इसके बाद वित्त और विनियोग विधेयक 2018 को राज्यसभा को भेजा जायेगा. चूंकि यह धन विधेयक है, ऐसे में राज्यसभा में इनके 14 दिन में मंजूर नहीं होने की स्थिति में भी इन्हें पारित माना जायेगा. इसके बाद इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिये भेजा जायेगा. हंगामे के बीच वित्त एवं विनियोग विधेयक पारित किये जाने के विरोध में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और एनसीपी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. वित्त एवं विनियोग विधेयक 2018 पारित होने के बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी. इससे पहले, सुबह बैठक शुरू होने पर हंगामा जारी रहा और कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
14th March, 2018