नई दिल्ली: वर्ल्ड बैंक ने 'इंडिया डेवलपमेंट अपडेट' की छमाही रिपोर्ट में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में GST बहुत ज्यादा जटिल है. आगे कहा गया है कि 115 देशों में भारत में टैक्स रेट दूसरा सबसे ज्यादा है. 1 जुलाई 2017 को लागू किए गए GST में 5 टैक्स स्लैब (0,5,12,18 और 28 फीसदी) हैं. कई सामान और सेवाओं को GST के दायरे से बाहर भी रखा गया है. फिलहाल पेट्रोलियम उत्पाद को GST से बाहर रखा गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे विश्व में 115 देशों में GST लागू है. 115 देशों में केवल 5 देश- भारत, इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना में 5 टैक्स स्लैब की व्यवस्था है. 49 देशों में केवल 1 टैक्स स्लैब है. 28 देशों में 2 टैक्स स्लैब रखे गए हैं. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के अलावा जिन चार देशों में GST के 5 टैक्स स्लैब हैं, उन देशों की अर्थव्यवस्था वर्तमान में बुरे दौर से गुजर रही है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि टैक्स स्लैब में जल्द बदलाव किए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि जल्द से जल्द 12 और 18 फीसदी वाले टैक्स स्लैब को एक किया जाएगा. GST लागू करने के वक्त अधिकतम, 28 फीसदी वाले स्लैब में करीब 228 वस्तु और सेवाओं को रखा गया था. लगातार विरोध के बाद नवंबर महीने में GST काउंसिल ने अधिकतम टैक्स स्लैब से करीब 180 वस्तु और सेवाओं को बिहार निकाला. वर्तमान में केवल 50 वस्तु और सेवाओं पर 28 फीसदी का टैक्स लगता है.
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में GST के बाद टैक्स रिफंड की धीमी रफ्तार पर भी चिंता जताई है. हालांकि, आने वाले दिनों में भारत में GST की स्थिति में सुधार की संभावना भी जताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स स्लैब की संख्या कम करने और कानूनी प्रावधानों को आसान करने से, GST ज्यादा प्रभावी और असरदार होगा. इस रिपोर्ट को जारी करने से पहले वर्ल्ड बैंक ने पिछले दिनों जारी किए गए एक रिपोर्ट में कहा था कि GST और नोटबंदी के चलते शुरुआत में भारतीय अर्थव्यवस्था को जरूर नुकसान पहुंचा है, लेकिन 2019-20 तक भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी की दर से विकास करेगी. वर्ल्ड बैंक की तरफ से कहा गया कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान है.
16th March, 2018