नई दिल्ली। कलियुग के देवता भगवान बजरंगबली यानि हनुमान जी अष्टचिरंजीवीयों में से एक हैं। मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी अमर हैं और कलियुग में हम सब के बीच किसी ना किसी रूप में मौजूद हैं। हनुमान जी को एक बलशाली देवता के रूप में पूजा जाता है और कहा जाता है कि बजरंगबली की आराधना करने से मनुष्य बलवान बनता है। उनके आशीर्वाद से सभी बिगड़े काम चुटकी में पूरे हो जाते हैं। श्रीराम कथा और हनुमान चालीसा के पाठ में उनकी मौजूदगी का एहसास कई लोगों को होता है। वैसे तो हनुमान जी की आराधना से सारे काम सुधर जाते हैं, लेकिन कुछ काम ऐसे हैं जो उनकी आराधना से बहुत जल्दी पूरे हो जाते हैं।
राम ने हनुमान को अपना अनन्य सेवक माना
भूत पिशाच या कोई परालौकिक शक्ति परेशान कर रही हो तो मंदिर से हनुमान जी के पैर का सिंदूर लाकर पीड़ित के सिर पर लगाने से रक्षा होती है। ऐसा करने से मन का डर और हर तरह के नकारात्मक विचारों से जल्दी ही छुटकारा मिल जाता है। तभी तो हनुमान और राम भक्त गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है- ‘रामदूत अतुलित बलधामा. अंजनीपुत्र पवनसुत नामा। महावीर विक्रम बजरंगी. कुमति निवार सुमति के संगी॥’ सच्चे सेवक और निष्काम सेवा के सर्वोच्च उदाहरण हैं हनुमान जी। इनका जीवन निष्कलंक था। भगवान राम ने इन्हें लक्ष्मण से बढ़कर अपना अनन्य सेवक माना है।
हनुमान जी के मंत्र का करें जाप
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाते समय यह मंत्र पढ़ना चाहिए- ‘मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं. वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये..’ भगवान शिव के ग्याहरवें रुद्र के रूप हनुमान, आज भी जहां रामचरित का गुणगान होता है, वहां मौजूद रहते हैं। इन्हें अणिमा, लघिमा, महिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व रूपी अष्ट-सिद्धियां प्राप्त थीं। हनुमान जी को लंका में देख कर सीता जी ने आशीर्वाद दिया था- ‘अजर अमर गुननिधि सुत होहू. करहुं बहुत रघुनायक छोहू॥
31st March, 2018