लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस प्री 2017 की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने परीक्षा रद्द कर नए सिरे से प्रारंभिक परीक्षा कराने की मांग नामंजूर करते हुए कहा कि पुनर्मूल्यांकन ही अभ्यर्थियों के हित में होगा। कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न को हटाने का आदेश दिया है, जबकि आयोग द्वारा जारी उत्तर कुंजी के दो जवाबों को गलत मानते हुए उनके सही जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को पूरे अंक देकर संशोधित परिणाम जारी करने के लिए कहा है। इस आदेश से परीक्षा में पूछे गए कुल तीन प्रश्न प्रभावित हो रहे हैं।
प्रियंका मिश्रा समेत अन्य कई अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की पीठ ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। वह अभ्यर्थी जो आयोग के गलत उत्तर की वजह से मुख्य परीक्षा देने से वंचित रह गए हैं, को मौका न देना उनके साथ अन्याय होगा।
याची प्रियंका मिश्रा की अधिवक्ता स्वाती अग्रवाल ने प्रश्न ‘शरीर के किस हिस्से में सुई चुभाने से दर्द नहीं होता’ को चुनौती दी। यह प्रश्न सीरीज ए, बी,सी और डी में क्रमश: 67,140,44 और 106 नंबर पर है। कोर्ट ने इस प्रश्न को गलत मानते हुए डीलीट करने का आदेश दिया है। इसी प्रकार से सीरिज ए, बी,सी और डी मेें प्रश्न संख्या क्रमश: 121,44, 98 और 10 नंबर का सी या डी उत्तर देने वाले अभ्यर्थियों को पूरे अंक देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सीरीज ए, बी, सी और डी में क्रमश: 56, 129, 33 और 105 सीरियल के प्रश्न का डी उत्तर देने वाले अभ्यर्थियों को पूरा अंक देने के लिए कहा है।
कोर्ट ने कहा कि पुनर्मूल्यांकन के बाद जो अभ्यर्थी सफल होते हैं, उनको मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए और जो असफल हो जाएंगे वह मुख्य परीक्षा से बाहर कर दिए जाएं। पीसीएस प्री परीक्षा 24 सितंबर 2017 को आयोजित की गई जिसका परिणाम 19 जनवरी 2018 को घोषित किया गया।
31st March, 2018