शकील अहमद-यूरीड मीडिया- लखनऊ को जोड़ने वाला बहराइच और गोंडा का बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाने वाला घाघरा नदी पर बने संजय सेतु का एक हिस्सा धंस गया है जिसकी वजह से इस पुल को आवागमन बाधित है। बड़े वाहनों के लिए ये सेतु बंद कर दिया है। यह मात्र एकलौता सेतु है इसके अलावा जनता के पास कोई ठोस विकल्प नहीं है। जो है भी उसे बरसात के दिनों में उसे भी बंद कर दिया जाता था और उस दशा में लोग स्ट्रीमर के सहारे नदी पार करते थे।
जनता की इस अपार समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के प्रयासों से तत्कालीन प्रदेश के मुख्यमंत्री स्व वीपी सिंह द्वारा इस नदी पर एक मजबूत पुल के निर्माण की आधारशिला रखी थी और उसका निर्माण कर लगभग 1 से 2 सालों में इसे तैयार कर जनता को समर्पित कर दिया गया था क्योंकि इस पुल के निर्माण और महत्व को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पुत्र स्व युवा नेता संजय गांधी के के विशेष रुचि लेने की वजह से स्कूल को भी संजय सेतु का नाम दिया गया।
इस पुल के सहयोग से जनता के लिए लखनऊ का सफर सुगम हो गया इसके साथ ही इस पुल की पूरी देखभाल सरकार करती थी लेकिन बीते कुछ सालों में प्रदेश के अन्य सेतुओ की तरह इससे भी सरकार और संबंधित विभाग की नजरें फिरने लगी। दिन प्रतिदिन इसकी दशा खराब होती चली गई बल्कि काफी प्रयास के बाद भी ये सेतु अपने जर्जर अवस्था में पहुंच गया। एक भाग में त्रुटि पैदा हो गई जिससे आज देखते ही किसी अप्रिय दुर्घटना की आशंका की वजह से संचालन हेतु बंद कर दिया गया। इसकी सूचना पाकर विभागीय लोग मौके पर पहुंचकर जो उसे ठीक कराने में जुट गए लेकिन अभी भी आवागमन सुगम नहीं हो पाया है।
जनता की इस अपार समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के प्रयासों से तत्कालीन प्रदेश के मुख्यमंत्री स्व वीपी सिंह द्वारा इस नदी पर एक मजबूत पुल के निर्माण की आधारशिला रखी थी और उसका निर्माण कर लगभग 1 से 2 सालों में इसे तैयार कर जनता को समर्पित कर दिया गया था क्योंकि इस पुल के निर्माण और महत्व को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पुत्र स्व युवा नेता संजय गांधी के के विशेष रुचि लेने की वजह से स्कूल को भी संजय सेतु का नाम दिया गया।
3rd April, 2018