लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि किसी कर्मचारी को स्थानांतरण के बाद काफी लंबे समय तक कार्यमुक्त न करने पर तबादले का आदेश अवैधानिक हो जाता है। इसी के साथ कोर्ट ने इलाहाबाद के एसएसपी दफ्तर में एकाउंटेंट विजय नारायण तिवारी का स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने विजय नारायण तिवारी की याचिका पर उनके अधिवक्ता विजय गौतम को सुनकर दिया। मामले के तथ्यों के अनुसार सब इंस्पेक्टर मिनिस्टीरियल याची का स्थानांतरण 25 जुलाई 2017 को एसएसपी दफ्तर से डीआईजी स्थापना ईओडब्ल्यू लखनऊ के लिए किया गया था लेकिन अधिकारियों ने उसे आठ माह तक रिलीव नहीं किया। इस पर याचिका दाखिल कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दीगई। एडवोकेट विजय गौतम ने अपनी बहस में कहा कि स्थानांतरण आदेश लंबे समय तक उपयोग नहीं किए जाने से महत्वहीन हो जाता है। इस मामले में इतने विलंब से रिलीव करने स्पष्ट है कि कि याची को जहां भेजा जा रहा था, वहां उसकी जरूरत नहीं थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि स्थानांतरण के बाद कई माह तक बगैर उचित कारण के कार्यमुक्त नहीं करने से तबादले का आदेश अवैध हो जाता है।
8th April, 2018