लखनऊ। राज्य सरकार ने उन्नाव के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म सहित अन्य संगीन आरोपों की जांच समेत भाजपा के पीड़िता के पिता की हत्या की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला किया है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पुलिस ने देर रात विधायक सेंगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया गया हैं। मामले में लापरवाही बरतने के लिए एक पुलिस क्षेत्राधिकारी व दो डॉक्टरों को भी निलंबित कर दिया गया है। जबकि तीन अन्य डॉक्टरों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले पूरे मामले की जांच के लिए उन्नाव गई एसआइटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में दी। एसआइटी की प्रारंभिक जांच में कई आरोपों की पुष्टि हुई है। न्यायिक अभिरक्षा में पीडि़ता के पिता की मौत से पहले इलाज में लापरवाही की बात भी सामने आई है। राज्य सरकार की ओर से देर रात बताया गया कि पूरे मामले की सीबीआइ जांच करेगी। इसमें पीडि़ता के दुष्कर्म के आरोप और उसके पिता की हत्या शामिल है।
लापरवाही बरतने के आरोप में सीओ शफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। पीडि़ता के पिता के उपचार में लापरवाही पर सीएमएस डॉ. डीके द्विवेदी व ईएमओ डॉ. प्रशांत उपाध्याय को भी निलंबित किया गया है। डॉ. मनोज, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने कार्रवाई का यह फैसला एसआइटी के साथ ही डीआइजी जेल और डीएम उन्नाव की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के आधार पर देर रात किया। इसके बाद पीडि़त परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने आधी रात के बाद पुष्टि की कि विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को 24 घंटे के भीतर एसआइटी की रिपोर्ट तलब की थी। इससे यह संकेत मिला था कि सरकार कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है। बुधवार को एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ने एसआइटी के सदस्यों के साथ उन्नाव पहुंचकर गहन छानबीन की। पीडि़त किशोरी व उसके परिवारीजन के बयान दर्ज करने के साथ ही गांव के लोगों से भी पूछताछ की गई। एसआइटी ने उस स्थान का भी मुआयना किया, जहां पीडि़त किशोरी के पिता के साथ मारपीट की घटना की शुरुआत हुई थी।
12th April, 2018