गोण्डा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के चालू शिक्षा सत्र में नये पाठयक्रम को एनसीआरटी पैटर्न पर शुरू करने को लेकर विद्यालयों में फैली भ्रांतियों के कारण छात्र-छात्राओं का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। जबकि निजी विद्यालयों में गत एक अप्रैल से ही मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। इसको लेकर अभिभावक असमंजस की स्थिति के कारण इधर-उधर भटक रहे है। आधिकारिक सूत्रों के आज अनुसार, इस सिलसिले में सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय प्रबंधन और बुकसेलर्स की बैठक कर नये पाठ्यक्रम की पुस्तकें विद्यार्थियों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया है। जबकि अधिकांश विद्यालय प्रबंधन से सांठगांठ कर पिछले वर्ष की यूपी बोर्ड की ही पुस्तकें, कुछ स्कूलों में पूर्व से संचालित एनसीआरटी की पुस्तकों को गाइड और महंगे दामों पर स्टेशनरी के साथ छात्रों को देकर मनमानी रकम ऐंठी जा रही है। इतना ही नहीं सरकारी स्कूलों के इस वर्ष एनसीआरटी पुस्तकों के संचालन को लेकर अभी तक शासनदेश तक न आने की बात कहीं जा रही है। इसके अलावा योगी सरकार का मनमानी फीस वसूलने के विरुद्ध सुनाया गया फरमान बेमानी साबित होता दिख रहा है। आखिर यूपी बोर्ड के नये पाठ्यक्रम की पुस्तकें कब उपलब्ध होगी। और सरकार का शिक्षा क्रांति का स्वप्न कब पूरा होगा।
14th April, 2018