केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी हालात में न्यायालय जैसी संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा एवं सम्मान कम नहीं हो. पश्चिमी जोनल काउंसिल की 23वीं बैठक की अध्यक्षता करने के बाद राजनाथ ने यह बात उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के बारे में पत्रकारों की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही.गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और केंद्रशासित प्रदेश दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली पश्चिमी जोनल काउंसिल में शामिल हैं. राजनाथ ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की जब केंद्र ने उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम से कहा कि वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की अपनी सिफारिश पर फिर से विचार करे. सरकार ने कहा कि न्यायमूर्ति जोसेफ की उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति 'समुचित' नहीं होगी.
जोसेफ के नाम पर मंजूरी नहीं देने के केंद्र के फैसले के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा, 'यह सुनिश्चित करना हर राजनीतिक पार्टी और अन्य संस्थाओं का दायित्व है कि किसी संवैधानिक संस्था की गरिमा एवं सम्मान किसी हालात में कम नहीं हो.' उन्होंने कहा, 'हम सभी को, चाहे सत्ताधारी पार्टी हो या विपक्षी पार्टियां हो या कोई सरकारी या गैर-सरकारी संगठन हो, उन्हें यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि संवैधानिक संस्थाओं में लोगों का भरोसा कायम रहे. यह एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है.'न्यायमूर्ति जोसेफ के मामले पर खास तौर पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर राजनाथ ने कहा, 'मुझे न्यायपालिका पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.' कठुआ में सामूहिक बलात्कार की घटना के बारे जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच सांप्रदायिक आधार पर दरार पैदा होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि सरकार को 'सांप्रदायिकता फैलाने वाली किसी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और दोषियों से सख्ती से पेश आना चाहिए.' सीमा पर तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के बारे में राजनाथ ने कहा कि सरकार देश के पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते कायम रखने में यकीन रखती है.
27th April, 2018