भारत की आजादी की लड़ाई के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज 10 मई 1857 की मेरठ क्रांति को अब योगी सरकार भव्य तरीके से मनाने जा रही है. माना जा रह है कि इस क्रांति दिवस के बहाने बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन को भी मजबूत करेगी. दरअसल मेरठ और अलीगढ़ में मेयर का चुनाव बीजेपी हार चुकी है. अब 10 मई को होने वाले क्रांति दिवस के बहाने सियासत भी साधेगी सरकार साथ ही 2019 की जीत के लिए भी इस क्रांति दिवस दे सियासी तीर चलाये जाएंगे.
योगी सरकार ने तय किया है कि इस बार 10 मई को होने वाले 'क्रांति दिवस' के मौके पर बड़े पैमाने पर आयोजन किए जाएंगे और इसकी जिम्मेदारी राज्य के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को दी गई है. मेरठ छावनी से क्रांति की शुरुआत होने की वजह से सरकार की मंशा 10 मई को इस बार सबसे बड़ा आयोजन मेरठ में ही करने की है.
इसी को देखते हुए योगी सरकार के संस्कृति मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी की ओर से अपने विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ मेरठ के जिलाधिकारी को भी आयोजन को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. 'क्रांति दिवस' के मौके पर मेरठ में पहले की ही तरह सार्वजनिक अवकाश रहेगा और मेरठ से सटे हुए पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में भी 'क्रांति दिवस' के आयोजन किए जाएंगे.
इन आयोजनों के जरिए ना सिर्फ योगी सरकार मेरठ छावनी के उन 85 (सैनिकों के विद्रोह और स्वतंत्रता सेनानी मंगल पाण्डेय को याद करेगी बल्कि युवा पीढ़ी को देश की आजादी की संघर्ष गाथा को बेहतर ढंग से समझाकर सीधे उनसे जुड़ने की कोशिश भी करेगी.
30th April, 2018