लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में बने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आरोपी इंजिनियरों से लखनऊ में पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ
शुरू होते ही कोई दिल की बीमारी बताते हुए रोने लगा तो किसी के सिने में दर्द उठने लगा। स्थिति सही ना होने कारण ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ बंद करने के साथ ही फिर से अलग-अलग तारीखों में बुलाया है।
सूत्रों के मुताबिक रिवर फ्रंट घोटाले में सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजिनियर गोलेश चंद्र को शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया। गड़बड़ियों, ज्यादा भुगतान, बिना बजट पास हुए भुगतान व टेंडर के बारे में पूछा गया। इस दौरान पहले गोलमोल जवाब देते रहे। इससे पहले पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर अधीक्षण अभियंता अखिल रमन सीना पकड़कर बैठ गए। कारण पूछने पर दिल की बीमारी होने पर रोने लगे। इतना ही नहीं अधीक्षण अभियंता शिवमंगल यादव पूछताछ के दौरान पेट खराब होने की बात कहकर टॉइलट के चक्कर लगाते रहे। ऐसे में दोनों से पूछताछ नहीं हो सकी। ईडी ने दोनों को पूछताछ के लिए फिर से नोटिस जारी कर बुलाया है। अखिल रमन से सात मई और शिव मंगल यादव से आठ मई से पूछताछ होगी।
अनुबंध को लेकर होनी है पूछताछ
तत्कालीन चीफ इंजिनियर गोलेश चंद्र और अधीक्षण अभियंता शिव मंगल सिंह से ईडी को गैमन इंडिया के साथ हुए अनुबंध को लेकर पूछताछ करनी है। रिवर फ्रंट का काम शुरू होने के दौरान सिंचाई विभाग के दोनों अफसर ही अहम भूमिका में थे। गैमन इंडिया के साथ हुए 600 करोड़ के अनुबंध में पार्टी शिवमंगल सिंह थे और चीफ इंजिनियर गोलेश चंद्र ने मंजूरी दी थी। गोलेश चंद्र से 15 मई को पूछताछ की जाएगी।
घोटाले की जांच की अहम कड़ी माने जा रहे तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव को भी ईडी ने समन भेजा था। ईडी की तरफ से भेजा गया समन वापस आ गया और रूप सिंह पेश नहीं हुए। ऐसे में सभी सम्भावित स्थानों पर फिर से नोटिस भेजकर नौ मई को तलब किया गया है।
शुरू होते ही कोई दिल की बीमारी बताते हुए रोने लगा तो किसी के सिने में दर्द उठने लगा। स्थिति सही ना होने कारण ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ बंद करने के साथ ही फिर से अलग-अलग तारीखों में बुलाया है।
6th May, 2018