लखनऊ। शहर में एसओ(स्टेशन ऑफिसर) और इंस्पेक्टर के तबादलों के लिए अब जिले के जिलाधिकारी की मंजूरी अनिवार्य होगी। राज्य के गृह विभाग विभाग ने आदेश जारी कर इस मामले में कड़ाई से पालन करने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने डीजीपी को एक पत्र लिखकर आदेश दिया हैं।
प्रमुख सचिव गृह ने डीजीपी को भेजे पत्र में 9 अगस्त 2001 और 9 फरवरी 2009 को किए गए शासनादेश का हवाला दिया है। पत्र में लिखा है कि किसी भी जिले में एसओ और इंस्पेक्टर की तैनाती या तबादला करने से पहले जिले के एसएसपी/एसपी को डीएम से लिखित अनुमोदन लेना होगा। उत्तर प्रदेश पुलिस रेगुलेशन की धारा छह व 524 में भी इसका प्राविधान है।
आईपीएस अफसर थे नाखुश
प्रमख सचिव गृह के इस आदेश से आईपीएस अफसरों में खासा रोष है। दरअसल इससे पहले भी सात सितंबर 2017 में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की तरफ से जारी शासनादेश में कहा गया था कि हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में महीने की सात तारीख को क्राइम मीटिंग होगी। इस आदेश का जमकर विरोध हुआ था। तत्कालीन डीजीपी सुलखान सिंह की तरफ से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस आदेश को वापस लेने की गुजारिश की गई थी। उस दौरान आईपीएस अधिकारियों को आश्वस्त किया गया कि आदेश वापस ले लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
10th May, 2018