लखनऊ, यूरिड न्यूज़। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के व्यक्तिगत आरोपों के बीच जनता की महंगाई, पानी, बिजली, सड़क, रोजगार आदि सभी समस्याएं चुनाव से गायब हो गई हैं। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह पर तरह-तरह के व्यक्तिगत आरोप लगा रहे है। सोनिया गांधी ने मोदी पर झुठे वादे करके जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने माना कि मोदी एक बहुत अच्छे वक्ता है। लेकिन भाषण देने से जनता का पेट नहीं भरता। राहुल गांधी मोदी एवं शाह पर बैक घोटाले करने वाले नीरव मोदी, विजय माल्या से मिलीभगत तथा राफेल सौदे पर की गई दलाली तथा शाह के बेटे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे है। सिद्धारमैया ने भी प्रधानमंत्री से पद पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस के माँ बेटे के जवाब में पीएम मोदी ने ऐसे-ऐसे व्यक्तिगत आरोप लगाया जिससे प्रधानमंत्री जैसे पद की गरिमा तार-तार हो गई है। नरेंद्र मोदी राहुल गांधी को दबंग, अहंकारी, नासमझ तथा सोनिया गांधी को इशारे में इटली से जोड़ते है। यही नहीं हिन्दी में प्रधानमंत्री के दिये गए भाषण को कन्नड भाषा में ट्रांसलेट करके बोलने वाले कर्नाटक के छुटभइये नेता ऐसे शब्दो का प्रयोग कर रहे है जो प्रधानमंत्री जैसे पद की गरिमा के विपरीत है। तीसरे मोर्चे के रूप में जनता दल( जेडीएस) और बसपा, सपा तथा अन्य छोटे दल की चुनावी भाषाएं जाति, धर्म एवं अत्यंत व्यक्तिगत रूप से आरोपित होती है। कुल मिलाकर कर्नाटक की जनता का दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस एवं भाजपा दोनों दलों ने लैपटॉप, सोना सहित तमाम मुफ्त की चीजे बाटने के लिए अपने-अपने घोषण पत्र में उल्लेख किया है। लेकिन दोनों दलों ने कर्नाटक की जनता की वास्तविक समस्या बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, पानी, बिजली, सड़क आदि तमाम मूलभूत समस्याएँ कैसे दूर होंगी, इसपर बहस नहीं हो रही हैं। पूरा चुनाव जाति, धर्म एवं व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह गया हैं।
10th May, 2018