विजय शंकर पंकज, लखनऊ, (यूरिड मीडिया)। कर्नाटक चुनाव में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के आरोपों से घिरी, अब उत्तर प्रदेश सरकार में अच्छी और ईमानदार छवि के लोगों को महत्व देकर पार्टी की छवि सुधारने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही संगठन में निष्ठावान एवं कर्मठ नेताओं को तरजीह दी जाएगी। लोकसभा चुनाव से पूर्व देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में अपनी ईमानदार एवं विकास कार्यो के बल पर चुनावी एजेन्डा सेट करने की तैयारी में लगी है। इसके पूर्व राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को भी भाजपा यूपी का आदर्श बनाने के प्रयास में है। इन दोनों ही राज्यों में भी भाजपा सरकारे भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी है परन्तु पार्टी नेतृत्व की मजबूरी है कि फिलहाल यहां पर नेतृत्व परिवर्तन करना संभव नही है। यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार मई के तीसरे सप्ताह में किसी भी दिन होने की संभावना जतायी जा रही है। योगी के नये मंत्रिमंडल से भाजपा सरकार यूपी में स्वच्छ प्रशासनिक सरकार का आदर्श प्रस्तुत करना चाहती है। इस विस्तार में अति दलित एवं अति पिछडों को महत्व दिये जाने की आशा है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा लोकसभा के अगले चुनाव में हिन्दूत्व, नेतृत्व की स्वच्छ छविा एवं विकास को साथ लेकर चलने की रणनीति बना रही है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्मयंत्री योगी आदित्य नाथ की ईमानदार छवि पर उनके विरोधी भी आरोप नही लगा सकते है। इसके साथ ही मोदी के बाद योगी कट्टर हिन्दूत्व के प्रतीक बन गये है। यही कारण है कि भाजपा ने त्रिपुरा से लेकर कर्नाटक तक योगी के हिन्दूत्व की छवि का लाभ उठाने के लिए सर्वाधिक सभाएं सम्पन्न करायी। वैसे भी योगी गेरूआ वस्त्रधारी के साथ ही नाथ सम्प्रदाय के प्रमुख भी है जिसकी अच्छी खासी आबादी भारत के विभिन्न हिस्सों में बसे है। मोदी की ही तरह योगी का भी परिवार से कोई वास्ता नही है। योगी और मोदी अपना ज्यादातर समय शासकीय कार्यो में ही व्यतीत करते है और कठोर परिश्रम करने के आदी है। यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी की प्रशासनिक कमजोरी तथा विकास का समुचित विजन न होने की कमी उजागर हुई है। यही कारण है कि एक वर्ष सरकार के बितने के बाद भी उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था लचर है तो विकास कार्य ठप्प पड़े है। योगी सरकार की कोई नयी परियोजना शुरू ही नही हुई है। यूपी में योगी सरकार पर संगठन हावी है और बहुत विरोध के बाद भी योगी उन पर अंकुश नही लगा पाते है। यही नही केन्द्र में अपनी पकड़ मजबूत रखने वाले लगभग आधे दर्जन मंत्री भी योगी के अंकुश से बाहर है। योगी की ईमानदार छवि होने के बाद भी उनके कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे है और उस पर मुख्यमंत्री किसी की भी तरह की कार्रवाई करने में अक्षम साबित हुए है। प्रदेश शासन के प्रमुख पदो पर जाति विशेष के अधिकारियों की तैनाती से भी योगी की छवि प्रभावित हुई है आैर उन पर जातिवादी होने की चर्चाओं ने सरकार एवं संगठन में उन्हें किनारे कर दिया है।
इन तमाम खामियों के बाद भी योगी के लिए यह शुकुन देने वाली बात रही है कि केन्द्रीय नेतृत्व एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उन पर पूरा भरोसा बना हुआ है। इसका मुख्य कारण योगी की ईमानदारी एवं कट्टर हिन्दूवादी छवि रही है। अपनी कमियों को योगी यह भी कहकर छिपा लेते है कि उनके मंत्रिमंडल में भ्रष्ट एवं अक्षम लोगों के शामिल होने के लिए वह दोषी नही है और केन्द्र ने जो टीम बनायी, उसी को लेकर वह चल रहे है। नये मंत्रिमंडल विस्तार में योगी अपनी पसन्द की टीम चाहते है और इस संदर्भ में केन्द्र ने भी हरी झंडी दे दी है। इसके साथ केन्द्र ने प्रदेश में विकास कार्यो को गति देने के लिए विशेष योजनाओं का खाका भी भेजा है जिस पर जून से कामों में तेजी लाने को कहा गया है। इन कामों में सांसद एवं विधायक निधि के माध्यम से पार्टी के जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्रों में विकास कार्यो को गति दिया जाना है। अभी तक आर्थिक संकट से जूझ रही यूपी सरकार को केन्द्र ने विशेष आर्थिक मदद करने का भी आश्वासन दिया है। केन्द्र से दूसरी तिमाही में यूपी को विशेष सौगात मिलने जा रही है।
योगी पर भरोसा करते हुए केन्द्र ने उन्हे और ताकतवर बनाने की भी पहल की है। इसके तहत संगठन में योगी के विरोधी लोगों की जहां छंटनी की जानी है, वही सरकार की आलोचना करने वाले तथा भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों को भी दरकिनार किया जाना है। केन्द्र ने यूपी में लोक निर्माण, सिंचाई, स्वास्थ्य, कृषि, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, समाज कल्याण आदि विभागों की परियोजनाओं में गति लाने को कहा है। इसके तहत संबंधित विभागों के विवादास्पद मंत्रियों में भी बदलाव किया जाना है। कुछ मंत्रियों को भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा का चुनाव लड़ाने की तैयारी की है जिसके लिए उन्हें सरकार से हटाकर नयी जिम्मेदारी दी जाएगी। नये बदलाव के बाद योगी मंत्रिमंडल भाजपा सरकारों के लिए आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
14th May, 2018