उन्नाव में सामूहिक दुष्कर्म तथा पीडि़ता के पिता की जेल में हत्या के मामले में गिरफ्तार भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने वाले तत्कालीन थानेदार अशोक सिंह भदौरिया तथा दारोगा कामता प्रताप सिंह को कल सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। जिनको आज लखनऊ में सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सीबीआई के आईजी जीएन गोस्वामी ने बताया कि लंबी छानबीन के बाद कल उन्नाव के माखी थाने के तत्कालीन अशोक सिंह भदौरिया और कामता प्रताप सिंह को आईपीसी की धारा 120बी, 193, 201, 218 और 3/25 शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपितों सहित माखी थाने के छह पुलिसकर्मियों को एसआइटी की जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था। इन दोनों को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई ने दोनों की गिरफ्तारी की जानकारी उन्नाव जिले के आला अधिकारियों को भी नहीं दी थी। माना जा रहा है कि पूछताछ में दोनों दरोगा उन अधिकारियों के नाम का खुलासा कर सकते हैं, जिनके इशारे पर ऊंची पहुंच के आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई।
एसओ सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने पीडि़त किशोरी के पिता को जेल भेजने के आपराधिक इरादे से ही फर्जी तरीके से तमंचे की बरामदगी दिखाई गई थी। यह भी साफ हो गया है कि माखी थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिसकर्मी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दबाव में थे। आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी षड्यंत्र, साक्ष्य मिटाने व फर्जी तरीके से आम्र्स एक्ट का मुकदमा लिखे जाने के मामले में की गई है।
सीबीआइ पीडि़त किशोरी से दुष्कर्म व उसके पिता की हत्या सहित चार केस दर्ज कर पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। सीबीआइ इससे पूर्व अलग-अलग आरोपों में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसके भाई अतुल सिंह, महिला आरोपित शशि सिंह सहित आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। माना जा रहा है कि जल्द सीबीआइ का शिकंजा अन्य आरोपित पुलिसकर्मियों पर भी कस सकता है।
एसओ सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने पीडि़त किशोरी के पिता को जेल भेजने के आपराधिक इरादे से ही फर्जी तरीके से तमंचे की बरामदगी दिखाई गई थी। यह भी साफ हो गया है कि माखी थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिसकर्मी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दबाव में थे। आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी षड्यंत्र, साक्ष्य मिटाने व फर्जी तरीके से आम्र्स एक्ट का मुकदमा लिखे जाने के मामले में की गई है।
17th May, 2018