लखनऊ, यूरिड न्यूज़। सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कर्नाटक में विश्वास मत से पहले बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे को भारतीय राजनीति में धनबल पर जनमत की जीत का दिन बताया है। उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर तो केंद्र सरकार को भी इस्तीफा दे देना चाहिए। कर्नाटक में कुमार स्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस-जद यू सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती व राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह भाग लेंगे।
कर्नाटक में हार के बाद सामने आया कि बीजेपी सांसदों के प्रति लाेगों की नाराजगी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। हालांकि ज्यादातर लोग मोदी की कार्यशैली से खुश हैं। भाजपा की असफलता से उत्तर प्रदेश में जहां विपक्षी दलों के हौसले बुलंद हुए हैं, वहीं लोकसभा चुनावों में विपक्ष की एकजुटता का आधार भी मजबूत हुआ है। सपा-बसपा गठजोड़ में अब कांग्रेस का भी शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके सीधे संकेत भी दिए कि वह राज्यों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों के साथ आगे बढ़ेंगे।
इधर सहारनपुर में इस समय भीम आर्मी का मुद्दा गरमाया हुआ है। हाल ही में यहां भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की संदिग्ध मौत हुई। भीम आर्मी का आरोप है कि हत्या ठाकुरों ने की है। भीम आर्मी के मुद्दे से दलित वोट बीजेपी से खासा नाराज है। यहां भाजपा सांसदों के प्रति नाराजगी भी लोगों की जुबान पर खुलकर आने लगी है। 5 लोकसभा सीटों पर तो सांसद की तलाश के पोस्टर भी लग चुके हैं। सांसद से नाराजगी संभल और अलीगढ़ जिले में भी देखने को मिली। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी से भी जनता नाराज है।
अखिलेश यादव ने ट्वीटर पर लिखा, आज का दिन भारतीय राजनीति में धनबल की जगह जनमत की जीत का दिन है। सबको खरीद लेने का दावा करने वालों को आज ये सबक मिल गया है कि अभी भी भारत की राजनीति में ऐसे लोग बाकी हैं, जो उनकी तरह राजनीति को कारोबार नहीं मानते हैं। रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्र की जीत हुई है। भाजपा ने संविधान और लोकतंत्र की हत्या में कसर नहीं नहीं छोड़ी। पूरे घटनाक्रम में राज्यपाल ही नहीं भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और केंद्र सरकार कटघरे में है।
20th May, 2018