पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित देश के सात राज्यों में शुक्रवार से किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। किसान यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय किसान आंदोलन का आह्वान किया है। इसके तहत किसी गांव से कोई भी खाद्य सामग्री शहरों में नहीं जाएगी। आम किसान यूनियन के प्रमुख सिरोही ने बताया कि मध्य प्रदेश के 150 से ज्यादा किसान संगठनों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है। साथ ही प्रदेश की सभी 53 हजार पंचायतों ने किसान हित की लडाई जारी रखने पर हामी भरी है।
लाइव अपडेट-
-पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने सब्जियों को सड़कों पर फेंका, शहर के लिए जाने वाली सब्जियों, फलों और दूध के सप्लाई को रोका।
- उत्तर प्रदेश के संभल में किसानों ने कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने को लेकर 10 दिनों की हड़ताल 'किसान अवकाश' शुरू किया।
- शिव कुमार शर्मा ने कहा, हमने 10 जून को दोपहर 2 बजे तक भारत बंद करने का निर्णय लिया है। शहर के सभी व्यापारियों से निवेदन है कि अपनी दुकानें बंद रखें और पिछले साल जान गंवाने वाले किसानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि दें।
- राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने कहा, '130 से ज्यादा किसान संगठन हमारे साथ हैं। यह अब राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन चुका है। हमने प्रदर्शन का नाम 'गांव बंद' दिया है। हम शहरों में नहीं जाएंगे क्योंकि हम लोगों की सामान्य जिंदगी को परेशान नहीं करना चाहते हैं।'
- किसानों के प्रदर्शन पर मंदसौर के जिलाधिकारी ओ पी श्रीवास्तव ने कहा, 'यहां स्थिति सामान्य है। दूध और सब्जी जैसी महत्वपूर्ण चीजों के सप्लाई में कोई किल्लत नहीं है। हमने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए हैं ताकि अगर कुछ होता है तो हम उससे सही तरीके से निपट सके।'
- मंदसौर में किसानों के 10 दिनों के 'किसान अवकाश' को लेकर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
1st June, 2018