शिवपाल यादव समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद मंगलवार को पहली बार लखनऊ में एक बड़े कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. यह कार्यक्रम यादव समुदाय के संगठन श्रीकृष्ण वाहनी की ओर से किया जा रहा है. इसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे हैं. श्रीकृष्ण वाहनी के महासचिव अशोक यादव ने कहा कि कार्यक्रम में शिवपाल यादव मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे हैं. इस कार्यक्रम में यादव समाज के काफी लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. आज का कार्यक्रम प्रदेश की राजनीति में आगे की राह तय करेगा. खासकर यादव समाज के राजनीतिक भविष्य को लेकर. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के जिलों से पदाधिकारियों को बुलाया गया है.
माना जा रहा है कि श्रीकृष्ण वाहनी के बहाने शिवपाल, यादव समाज के बीच अपनी राजनीतिक पकड़ का टेस्ट करना चाहते हैं. सपा से नाता तोड़ने के बाद शिवपाल के सामने अपनी राजनीतिक वजूद को कायम रखने की एक बड़ी चुनौती है. दरअसल उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय में सबसे बड़ी संख्या यादव समुदाय की है. सूबे में करीब 8 फीसदी यादव मतदाता हैं और पिछड़ी जाति में लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी है. सूबे में मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक उभार के पीछे यादव मतदाताओं की अहम भूमिका रही है.
पिछले तीन दशक से यादव समाज सपा के साथ मजबूती के साथ जुड़ा रहा है. मायावती का सर्वजन हिताय-सवर्जन सुखाय और नरेंद्र मोदी का सबका साथ-सबका विकास का नारा भी यादव समुदाय को सपा से जुदा नहीं कर पाया है. शिवपाल-अखिलेश की सियासी राह अलग होने के बाद जो समीकरण बन रहे हैं. उनमें यादव मतदाता किस दिशा में जाएगा इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है. इसी मद्देनजर बीजेपी 15 सिंतबर को ही लखनऊ में यादव सम्मेलन करा रही है, तो वहीं शिवपाल यादव अपने राजनीतिक ताकत को मजबूत करने में जुट गए हैं.
शिवपाल-अखिलेश के बीच सुलह समझौते के सारी गुंजाइश खत्म हो गई हैं. शिवपाल अब समाजवादी सेकुलर मोर्चा को राजनीतिक दल के रूप में तब्दील करने में जुट गए हैं. उन्होंने राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करने की कवायद तेज कर दी हैं.अखिलेश यादव के हाथ में सपा की कमान आने से रूठे नेताओं को शिवपाल अपने साथ जोड़ने में जुटे हैं. इटावा के दिग्गज नेता और सपा से दो बार सांसद रह चुके रघुराज सिंह शाक्य, अखिलेश सरकार में मंत्री रहे शादाब फातिमा, शारदा प्रताप शुक्ल और पूर्व विधायक मलिक कमाल युसुफ पहले ही शिवपाल यादव के समाजवादी सेकुलर मोर्चा में शामिल हो चुके हैं.
शिवपाल यादव जल्द ही फूलपुर से सांसद रहे अतीक अहमद से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि वो भी सेकुलर मोर्चा में शामिल हो सकते हैं. समाजवादी सेकुलर मोर्चा सपा से बागी नेताओं का ठिकाना बनता दिख रहा है. शिवपाल लगातार इस बात को कह रहे हैं कि ये मोर्चा सपा से रूठे नेताओं के लिए ही बनाया गया है.शिवपाल यादव समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद मंगलवार को पहली बार लखनऊ में एक बड़े कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. यह कार्यक्रम यादव समुदाय के संगठन श्रीकृष्ण वाहनी की ओर से किया जा रहा है. इसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे हैं. श्रीकृष्ण वाहनी के महासचिव अशोक यादव ने कहा कि कार्यक्रम में शिवपाल यादव मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे हैं. इस कार्यक्रम में यादव समाज के काफी लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. आज का कार्यक्रम प्रदेश की राजनीति में आगे की राह तय करेगा. खासकर यादव समाज के राजनीतिक भविष्य को लेकर. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के जिलों से पदाधिकारियों को बुलाया गया है.
माना जा रहा है कि श्रीकृष्ण वाहनी के बहाने शिवपाल, यादव समाज के बीच अपनी राजनीतिक पकड़ का टेस्ट करना चाहते हैं. सपा से नाता तोड़ने के बाद शिवपाल के सामने अपनी राजनीतिक वजूद को कायम रखने की एक बड़ी चुनौती है.
दरअसल उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय में सबसे बड़ी संख्या यादव समुदाय की है. सूबे में करीब 8 फीसदी यादव मतदाता हैं और पिछड़ी जाति में लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी है. सूबे में मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक उभार के पीछे यादव मतदाताओं की अहम भूमिका रही है.
पिछले तीन दशक से यादव समाज सपा के साथ मजबूती के साथ जुड़ा रहा है. मायावती का सर्वजन हिताय-सवर्जन सुखाय और नरेंद्र मोदी का सबका साथ-सबका विकास का नारा भी यादव समुदाय को सपा से जुदा नहीं कर पाया है.
शिवपाल-अखिलेश की सियासी राह अलग होने के बाद जो समीकरण बन रहे हैं. उनमें यादव मतदाता किस दिशा में जाएगा इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है. इसी मद्देनजर बीजेपी 15 सिंतबर को ही लखनऊ में यादव सम्मेलन करा रही है, तो वहीं शिवपाल यादव अपने राजनीतिक ताकत को मजबूत करने में जुट गए हैं.
शिवपाल-अखिलेश के बीच सुलह समझौते के सारी गुंजाइश खत्म हो गई हैं. शिवपाल अब समाजवादी सेकुलर मोर्चा को राजनीतिक दल के रूप में तब्दील करने में जुट गए हैं. उन्होंने राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करने की कवायद तेज कर दी हैं.
अखिलेश यादव के हाथ में सपा की कमान आने से रूठे नेताओं को शिवपाल अपने साथ जोड़ने में जुटे हैं. इटावा के दिग्गज नेता और सपा से दो बार सांसद रह चुके रघुराज सिंह शाक्य, अखिलेश सरकार में मंत्री रहे शादाब फातिमा, शारदा प्रताप शुक्ल और पूर्व विधायक मलिक कमाल युसुफ पहले ही शिवपाल यादव के समाजवादी सेकुलर मोर्चा में शामिल हो चुके हैं.
शिवपाल यादव जल्द ही फूलपुर से सांसद रहे अतीक अहमद से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि वो भी सेकुलर मोर्चा में शामिल हो सकते हैं. समाजवादी सेकुलर मोर्चा सपा से बागी नेताओं का ठिकाना बनता दिख रहा है. शिवपाल लगातार इस बात को कह रहे हैं कि ये मोर्चा सपा से रूठे नेताओं के लिए ही बनाया गया है.
11th September, 2018