लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए सबसे अधिक मेहनत और प्रयास कर रहे है। अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे है । ऐसे में पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह की कार्यगुजारियों से अपराधी संरक्षण पा रहे है और निर्दोष को गोलियों से भुना जा रहा है। ओपी सिंह के कार्यकाल में दो-दो आईपीएस अधिकारी संदेह की अवस्था में मर चुके है। इन अधिकारियों पर आत्म हत्या का केस बनाकर मामले को रफा-दफा किया जा रहा है। जब पुलिस अधिकारी की ही संदेहास्पद आत्महत्या की जांच को लेकर सवाल उठ रहे है तो आम नागरिक की हत्या पर निष्पक्ष जांच होगी इसमें संदेह ही संदेह है। ओपी सिंह का पुराना रिर्काड और राजनीतिक इशारे पर हर तरीके से कार्य करने की कार्यशैली से पुलिस का सिपाही भी महानिदेशक से डरता नही और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में खुलेआम थानों में तथा सोशल मीडियां पर चुनौती दे रहा है। पुलिस महानिदेशक अपने कार्यशैली से इतने कमजोर है कि एक सिपाही सोशल मीडिया के माध्यम से 1973 के पीएसी जैसे विद्रोह की धमकी दे रहा है और हत्यारें की पत्नी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आफिस में हंगामा काट रही है। खुलेआम सोशल मीडिया में बैंक एकाउन्ट नम्बर देकर 5 करोड़ पैसा एकत्र करके हत्यारे को बचाने की चुनौती दे रही है ऐसे में विवेक तिवारी परिवार को न्याय कैसे मिलेगा? जांच में लगी टीम महानिदेशक के इशारे पर ही विवेक की हत्या हो जाने के बाद ही केस को कमजोर करने और हत्या को आत्मरक्षा में की गयी हत्या करार करने में जुटी है।
1st October, 2018