यूरीड मीडिया ग्रुप ने उत्तर प्रदेश में 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर केंद्र एवं प्रदेश सरकार तथा सांसदों के बारें में विभिन्न जाति धर्म आयु वर्ग महिला एवं पुरुष सहित सभी मतदाताओं की राय जानी। मतदाताओं ने अपनी राय बड़े ही बेबाकी से व्यक्त किया है। मतदाताओं की राय को अगर हम विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम से तुलना करें तो कोई भी सांसद चाहे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो, श्रीमती सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, मुलायम सिंह यादव, राजनाथ सिंह सहित सभी 80 सांसद थर्ड डिवीजन भी पास नहीं है। किसी भी सांसद को मतदाताओं ने 33 प्रतिशत थर्ड डिवीजन पास होने वाले अंक भी नहीं दिए। लोकतंत्र में जहाँ पर चुने जाने के लिए कोई भी मानक विद्यार्थियों की तरह पास होने के लिए नहीं बनाया गया है। केवल मतदान में पड़े कुलमतों में जिसे अधिक मत मिलता है वह चुना जाता है। मतदान प्रतिशत चाहे जितना कम हो। मतदाताओं की राय लोकतंत्र में आस्था रखने वाले देश के नागरिकों के लिए चिंता का विषय है। जब जनप्रतिनिधी सांसद या विधायक समाज में एक तिहाई मतदाताओं की पसंद नहीं होते तो निश्चित ही जनता का भरोसा नेताओं से उठता जा रहा है। राजनीतिक दलों के रवैये से ही मतदाता तमाम प्रयास के बाद भी मतदान करने से कतराते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा व गैर भाजपा कांग्रेस सपा बसपा सभी दल विकास की बात करते हैं लेकिन चुनाव की तैयारी और प्रत्याशियों का चयन बूथ स्तर तक बनाये जाने वाले बूथ कमेटी सभी में जाति एवं धार्मिक समीकरण देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अथवा तीसरे मोर्चे के गैर भाजपा गैर कांग्रेस दलों के नेता विकास की बात तो करते हैं। लेकिन वास्तविक तैयारी जाति एवं धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर कर रहे हैं। यूरीड सर्वे में तीन पार्ट है जिसमे 35 सवाल हैं। पार्ट एक में केंद्र सरकार के बारे में मतदाताओं की क्या सोच है। पार्ट दो में सांसदों और पार्ट तीन में उत्तर प्रदेश सरकार के बारे में मतदाताओं की राय ली गयी है जिसका विश्लेषण एवं सर्वे रिपोर्ट दी जा रही है।
सर्वे में राजनीतिक दलों के जातीय एवं धार्मिक राजनीति का असर मतदाताओं में भी देखा गया। मतदाता अपने अपने तरीके से राजनीतिक दलों के पक्ष व विपक्ष में राय व्यक्त किया और बड़े ही बेबाकी से जाति एवं धर्म पर हो रही सियासत पर नाराजगी भी व्यक्त किया है। मतदाताओं के राजनीतिक दलों एवं नेताओं तथा केंद्र और प्रदेश सरकार के बारे में अलग अलग राय व्यक्त करते थे लेकिन जब उनसे सभी राजनीतिक दलों के बारे में राय जानी जाती थी तो अधिकांश मतदाताओं ने नकारात्मक जबाब दिया। 2019 में महागठबंधन को लेकर चर्चाएं है। साथ ही जांच एजेंसियों द्वारा दवाब बनाने की भी मतदाताओं में चर्चा देखी गयी। सर्वे का एक लाइन में अगर निष्कर्ष निकाले तो मतदाता आज की सियासत से संतुष्ट नहीं है और अगर उसे विश्वसनीय विकल्प दिखाई दे तो भाजपा का चुनावी रणनीति और विपक्ष का महागठबंधन हाशिये पर पहुंच जायेंगे। सर्वे रिपोर्ट में
सबसे पहले सांसदों के बारे में 8 सवाल थे -
1- सांसद क्षेत्र में आते है ?
2- सांसद का व्यवहार कैसा है ?
3- सांसद ने विकास कार्य करायें ?
4- सांसद को दुबारा मौका देंगे ?
5- सांसद बनने के बाद आर्थिक स्थिति कैसी रही ?
6- संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या ?
7- किस पार्टी का सांसद चाहते है ?
8- आखरी सवाल सांसद को कितने नंबर देंगे ?
इन आठ सवालों में मिला जुला जवाब मतदाताओं ने दिया। सबसे ज्यादा चैकाने वाला मतदाताओं की राय है कि कोई भी सांसद थर्ड डिवीजन भी पास नहीं है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी क्षेत्र में 29 प्रतिशत मतदाताओं ने अंक दिए तो रायबरेली में सोनिया को 24 और राहुल गांधी को 21 प्रतिशत अंक दिए। आजमगढ़ में मुलायम सिंह यादव को 17 अंक तो लखनऊ संसदीय क्षेत्र में राजनाथ सिंह जी को 27 प्रतिशत अंक दिए गए है। सांसद के रूप में प्रधानमंत्री फेल हैं वही नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में जरूर संतोषजनक 37 प्रतिशत अंक पाए हैं। सुल्तानपुर से वरुण गाँधी 19 प्रतिशत, पीलीभीत से मेनका गाँधी 24 प्रतिशत तथा कन्नौज से डिम्पल यादव को 27 प्रतिशत अंक मिले हैं इसके अलावा अन्य सांसदों की स्थित भी ऐसे ही है कि कई ऐसे सांसद हैं जिन्हें मतदाताओं ने दर्हाइ अंक भी नहीं दिया है। सांसदों के लिए सबसे खुशखबरी ये है कि क्षेत्र में उनकी उपस्थिति 38 प्रतिशत बताई गयी है। समस्याओं में सबसे बड़ी परेशानी मतदाताओं ने बेरोज़गारी, महंगायी के बारे में व्यक्त किया है ।
केंद्र सरकार के बारे में 16 सवाल हैं जिनमे -
1-केंद्र सरकार के कार्यों से संतुष्ट है ? 2-मोदी सरकार ने चुनावी वादे पूरे किये ?
3-लोकसभा चुनाव 2014 में किये वोट दिया था ?
4-मोदी सरकार में भ्रष्टाचार ?
5-चुनावी मुद्दा क्या होना चाहिए ?
6-किस नेता की बातों पर ज्यादा भरोसा करते है ?
7-सबसे अच्छा राजनीतिक दल कौन है ?
8- 2019 में किसे वोट देंगे ?
9-बेहतर प्रधानमंत्री कौन साबित हो सकता है ?
10-लोकसभा चुनाव में सपा बसपा गठबंधन से क्या होगा ?
11-तीन तलाक पर रोक लगनी चाहिए ?
12-किसानो को फसल का उचित मूल्य मिल रहा है ?
13-कौन सा सोशल नेटवर्क उपयोग करते है ?
14-सोशल मीडिया पर कितना भरोसा करते है ?
15-मीडिया की खबरों पर कितना भरोसा करते है ?
16-नोटबंदी और GST को लागु करना ?
केंद्र सरकार के बारे में मतदाताओं के जबाव बहुत सकारात्मक और संतोषजनक नहीं है। 21 प्रतिशत मतदाता केंद्र सरकार के कार्य से संतुष्ट है 31 प्रतिशत ने असंतोष व्यक्त किया 48 प्रतिशत ने किसी प्रकार का जवाब नहीं दिया। मोदी सरकार ने वादे पूरे किये इस सवाल पर भी 22 प्रतिशत मतदाता ने हां कहा तो 34 प्रतिशत ने नकारात्मक जबाव दिया और 44 प्रतिशत ने कोई जबाव नहीं दिया। 2014 में किसे वोट दिया था भाजपा को या मोदी के नाम पर इस सवाल पर मोदी के नाम पर 69 प्रतिशत मतदाताओं ने मत देने बात कही। भ्रष्टाचार के मामले में भी मोदी सरकार के लिए अच्छे संकेत है। 20 प्रतिशत मतदाताओं के कहा भ्रष्टाचार कम हुआ तो 62 प्रतिशत ने कोई जबाव नहीं दिया।
किस नेता पर ज्यादा भरोसा करते है इस सवाल पर भी मतदाताओं ने किसी भी नेता को तृतीये श्रेणी पास होने वाले 33 प्रतिशत अंक नहीं दिए। मोदी की बातों पर 27 प्रतिशत राहुल गाँधी पर 22 प्रतिशत मायावती 18 और अखिलेश की 16 व अन्य नेताओ की बातों पर 17 प्रतिशत मतदाताओं ने भरोसा जताया है। बेहतर प्रधानमंत्री कौन होगा इस सवाल पर मोदी आज भी राहुल मायावती व अखिलेश पर भारी हैं। मोदी को 37 प्रतिशत राहुल गाँधी को 21 प्रतिशत मायावती को 12 औरअखिलेश को 11 प्रतिशत प्रधानमंत्री की पसंद बताया है। चुनावी गठबंधन में 52 प्रतिशत मतदाताओं ने राय व्यक्त की है कि गठबंधन को फायदा मिलेगा। सबसे अधिक चौकाने और सोचने वाली बात यह कि 40 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं का मीडिया की खबरों पर भरोसा नहीं रह गया है 32 प्रतिशत ने आंशिक रूप से तो मात्र 28 प्रतिशत मतदाताओं ने मीडिया की खबरों पर पूर्ण भरोसा जताया है। इसी तरह अन्य सवालो के विस्तृत सर्वे रिपोर्ट शीघ्र ही दी जाएगी ।
योगी सरकार के बारे में 11 सवालों पर मतदाताओं की राय जानी गयी
1-राज्य सरकार के कार्यों से संतुष्ट है ?
2-बेहतर मुख्यमंत्री कौन ?
3-सबसे बड़ी समस्या ?
4-योगी सरकार में भ्रष्टाचार ?
5-किस सरकार में ज्यादा विकास कार्य हुए ?
6- पुलिस एवं अधिकारियों का व्यवहार कैसा है ?
7-किस विभाग में अच्छे कार्य हुए ?
8-मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन होता है ?
9-क्या मुख्यमंत्री को अधिकारियों पर सख्ती करनी चाहिये ?
10-क्या योगी सरकार धर्म और जाति की राजनीति कर रही है ?
11-लोकसभा चुनाव परिणाम योगी सरकार की अग्नि परीक्षा होगी ?
राज्य सरकार के बारे में मतदाताओं की राय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए मिली जुली कही जा सकती है भ्रष्टाचार के सवाल पर 21 प्रतिशत लोगो ने माना है कि भ्रष्टाचार कम हुआ है तो 59 प्रतिशत ने अनभिज्ञता जाहिर की है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का अनुपालन होता है इस सवाल 43 प्रतिशत मतदाताओं ने नकारात्मक जबाव दिया है। मतदाताओं की राय में सपा सरकार में ज्यादा विकास कार्य हुए ।
योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे बड़ा झटका ये है कि मतदाताओं की राय में आज भी अखिलेश यादव बेहतर मुख्यमंत्री हैं ? 26 प्रतिशत मतदाताओं ने अखिलेश यादव को बेहतर मुख्यमंत्री बताया है जबकि 23 प्रतिशत योगी आदित्यनाथ को 21 प्रतिशत ने मायावती को बेहतर मुख्यतत्री बाताया है मुख्यमंत्री को अधिकारियों पर सख्ती करनी चाहिए इस सवाल पर 51 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री को सख्ती करनी चहिये। पुलिस के व्यवहार पर 64 प्रतिशत मतदाताओं ने खराब और बहुत खराब बताया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन होता है इस पर 43 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि पालन नहीं होता। लोकसभा चुनाव योगी सरकार की अग्नि परीक्षा होगी इस पर 38 प्रतिशत ने कहा है कि योगी की अग्नि परीक्षा मानी जाएगी। इस प्रकार राज्य सरकार के बारे में मतदाताओं की राय बहुत सुखद नहीं कही जा सकती। सर्वे के विस्तृत विश्लेषण क्रमवार दिए जायेंगे सर्वे के आधार पर मतदाताओं की राय को सीटों में परिवर्ति त करें तो भाजपा को महागठबंधन से कड़ी चुनौती है। सपा बसपा एवं कांग्रेस का गठबंधन होता है तो महागठबंधन को 63 सीटें मिलने की सम्भावना है और भाजपा 17 सीटों तक सिमट सकती है। गठबंधन नहीं हुआ और अलग अलग चुनाव सपा, बसपा, कांग्रेस लड़ी तो भी 2014 की पुर्नावृत्ति नहीं होगी भाजपा को फायदा जरूर मिलेगा लेकिन उसकी सीटें 59 अधिकतम होंगी । 21 सीटें गैर भाजपा दलों को मिलेंगी इनमें कांग्रेस को 6 सपा को 7 बसपा को 6 व अन्य को 2 सीटें मिल सकती है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा व गैर भाजपा कांग्रेस सपा बसपा सभी दल विकास की बात करते हैं लेकिन चुनाव की तैयारी और प्रत्याशियों का चयन बूथ स्तर तक बनाये जाने वाले बूथ कमेटी सभी में जाति एवं धार्मिक समीकरण देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अथवा तीसरे मोर्चे के गैर भाजपा गैर कांग्रेस दलों के नेता विकास की बात तो करते हैं। लेकिन वास्तविक तैयारी जाति एवं धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर कर रहे हैं। यूरीड सर्वे में तीन पार्ट है जिसमे 35 सवाल हैं। पार्ट एक में केंद्र सरकार के बारे में मतदाताओं की क्या सोच है। पार्ट दो में सांसदों और पार्ट तीन में उत्तर प्रदेश सरकार के बारे में मतदाताओं की राय ली गयी है जिसका विश्लेषण एवं सर्वे रिपोर्ट दी जा रही है।
सर्वे में राजनीतिक दलों के जातीय एवं धार्मिक राजनीति का असर मतदाताओं में भी देखा गया। मतदाता अपने अपने तरीके से राजनीतिक दलों के पक्ष व विपक्ष में राय व्यक्त किया और बड़े ही बेबाकी से जाति एवं धर्म पर हो रही सियासत पर नाराजगी भी व्यक्त किया है। मतदाताओं के राजनीतिक दलों एवं नेताओं तथा केंद्र और प्रदेश सरकार के बारे में अलग अलग राय व्यक्त करते थे लेकिन जब उनसे सभी राजनीतिक दलों के बारे में राय जानी जाती थी तो अधिकांश मतदाताओं ने नकारात्मक जबाब दिया। 2019 में महागठबंधन को लेकर चर्चाएं है। साथ ही जांच एजेंसियों द्वारा दवाब बनाने की भी मतदाताओं में चर्चा देखी गयी। सर्वे का एक लाइन में अगर निष्कर्ष निकाले तो मतदाता आज की सियासत से संतुष्ट नहीं है और अगर उसे विश्वसनीय विकल्प दिखाई दे तो भाजपा का चुनावी रणनीति और विपक्ष का महागठबंधन हाशिये पर पहुंच जायेंगे। सर्वे रिपोर्ट में
सबसे पहले सांसदों के बारे में 8 सवाल थे -
1- सांसद क्षेत्र में आते है ?
2- सांसद का व्यवहार कैसा है ?
3- सांसद ने विकास कार्य करायें ?
4- सांसद को दुबारा मौका देंगे ?
5- सांसद बनने के बाद आर्थिक स्थिति कैसी रही ?
6- संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या ?
7- किस पार्टी का सांसद चाहते है ?
8- आखरी सवाल सांसद को कितने नंबर देंगे ?
इन आठ सवालों में मिला जुला जवाब मतदाताओं ने दिया। सबसे ज्यादा चैकाने वाला मतदाताओं की राय है कि कोई भी सांसद थर्ड डिवीजन भी पास नहीं है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी क्षेत्र में 29 प्रतिशत मतदाताओं ने अंक दिए तो रायबरेली में सोनिया को 24 और राहुल गांधी को 21 प्रतिशत अंक दिए। आजमगढ़ में मुलायम सिंह यादव को 17 अंक तो लखनऊ संसदीय क्षेत्र में राजनाथ सिंह जी को 27 प्रतिशत अंक दिए गए है। सांसद के रूप में प्रधानमंत्री फेल हैं वही नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में जरूर संतोषजनक 37 प्रतिशत अंक पाए हैं। सुल्तानपुर से वरुण गाँधी 19 प्रतिशत, पीलीभीत से मेनका गाँधी 24 प्रतिशत तथा कन्नौज से डिम्पल यादव को 27 प्रतिशत अंक मिले हैं इसके अलावा अन्य सांसदों की स्थित भी ऐसे ही है कि कई ऐसे सांसद हैं जिन्हें मतदाताओं ने दर्हाइ अंक भी नहीं दिया है। सांसदों के लिए सबसे खुशखबरी ये है कि क्षेत्र में उनकी उपस्थिति 38 प्रतिशत बताई गयी है। समस्याओं में सबसे बड़ी परेशानी मतदाताओं ने बेरोज़गारी, महंगायी के बारे में व्यक्त किया है ।
केंद्र सरकार के बारे में 16 सवाल हैं जिनमे -
1-केंद्र सरकार के कार्यों से संतुष्ट है ? 2-मोदी सरकार ने चुनावी वादे पूरे किये ?
3-लोकसभा चुनाव 2014 में किये वोट दिया था ?
4-मोदी सरकार में भ्रष्टाचार ?
5-चुनावी मुद्दा क्या होना चाहिए ?
6-किस नेता की बातों पर ज्यादा भरोसा करते है ?
7-सबसे अच्छा राजनीतिक दल कौन है ?
8- 2019 में किसे वोट देंगे ?
9-बेहतर प्रधानमंत्री कौन साबित हो सकता है ?
10-लोकसभा चुनाव में सपा बसपा गठबंधन से क्या होगा ?
11-तीन तलाक पर रोक लगनी चाहिए ?
12-किसानो को फसल का उचित मूल्य मिल रहा है ?
13-कौन सा सोशल नेटवर्क उपयोग करते है ?
14-सोशल मीडिया पर कितना भरोसा करते है ?
15-मीडिया की खबरों पर कितना भरोसा करते है ?
16-नोटबंदी और GST को लागु करना ?
केंद्र सरकार के बारे में मतदाताओं के जबाव बहुत सकारात्मक और संतोषजनक नहीं है। 21 प्रतिशत मतदाता केंद्र सरकार के कार्य से संतुष्ट है 31 प्रतिशत ने असंतोष व्यक्त किया 48 प्रतिशत ने किसी प्रकार का जवाब नहीं दिया। मोदी सरकार ने वादे पूरे किये इस सवाल पर भी 22 प्रतिशत मतदाता ने हां कहा तो 34 प्रतिशत ने नकारात्मक जबाव दिया और 44 प्रतिशत ने कोई जबाव नहीं दिया। 2014 में किसे वोट दिया था भाजपा को या मोदी के नाम पर इस सवाल पर मोदी के नाम पर 69 प्रतिशत मतदाताओं ने मत देने बात कही। भ्रष्टाचार के मामले में भी मोदी सरकार के लिए अच्छे संकेत है। 20 प्रतिशत मतदाताओं के कहा भ्रष्टाचार कम हुआ तो 62 प्रतिशत ने कोई जबाव नहीं दिया।
किस नेता पर ज्यादा भरोसा करते है इस सवाल पर भी मतदाताओं ने किसी भी नेता को तृतीये श्रेणी पास होने वाले 33 प्रतिशत अंक नहीं दिए। मोदी की बातों पर 27 प्रतिशत राहुल गाँधी पर 22 प्रतिशत मायावती 18 और अखिलेश की 16 व अन्य नेताओ की बातों पर 17 प्रतिशत मतदाताओं ने भरोसा जताया है। बेहतर प्रधानमंत्री कौन होगा इस सवाल पर मोदी आज भी राहुल मायावती व अखिलेश पर भारी हैं। मोदी को 37 प्रतिशत राहुल गाँधी को 21 प्रतिशत मायावती को 12 औरअखिलेश को 11 प्रतिशत प्रधानमंत्री की पसंद बताया है। चुनावी गठबंधन में 52 प्रतिशत मतदाताओं ने राय व्यक्त की है कि गठबंधन को फायदा मिलेगा। सबसे अधिक चौकाने और सोचने वाली बात यह कि 40 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं का मीडिया की खबरों पर भरोसा नहीं रह गया है 32 प्रतिशत ने आंशिक रूप से तो मात्र 28 प्रतिशत मतदाताओं ने मीडिया की खबरों पर पूर्ण भरोसा जताया है। इसी तरह अन्य सवालो के विस्तृत सर्वे रिपोर्ट शीघ्र ही दी जाएगी ।
योगी सरकार के बारे में 11 सवालों पर मतदाताओं की राय जानी गयी
1-राज्य सरकार के कार्यों से संतुष्ट है ?
2-बेहतर मुख्यमंत्री कौन ?
3-सबसे बड़ी समस्या ?
4-योगी सरकार में भ्रष्टाचार ?
5-किस सरकार में ज्यादा विकास कार्य हुए ?
6- पुलिस एवं अधिकारियों का व्यवहार कैसा है ?
7-किस विभाग में अच्छे कार्य हुए ?
8-मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन होता है ?
9-क्या मुख्यमंत्री को अधिकारियों पर सख्ती करनी चाहिये ?
10-क्या योगी सरकार धर्म और जाति की राजनीति कर रही है ?
11-लोकसभा चुनाव परिणाम योगी सरकार की अग्नि परीक्षा होगी ?
राज्य सरकार के बारे में मतदाताओं की राय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए मिली जुली कही जा सकती है भ्रष्टाचार के सवाल पर 21 प्रतिशत लोगो ने माना है कि भ्रष्टाचार कम हुआ है तो 59 प्रतिशत ने अनभिज्ञता जाहिर की है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का अनुपालन होता है इस सवाल 43 प्रतिशत मतदाताओं ने नकारात्मक जबाव दिया है। मतदाताओं की राय में सपा सरकार में ज्यादा विकास कार्य हुए ।
योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे बड़ा झटका ये है कि मतदाताओं की राय में आज भी अखिलेश यादव बेहतर मुख्यमंत्री हैं ? 26 प्रतिशत मतदाताओं ने अखिलेश यादव को बेहतर मुख्यमंत्री बताया है जबकि 23 प्रतिशत योगी आदित्यनाथ को 21 प्रतिशत ने मायावती को बेहतर मुख्यतत्री बाताया है मुख्यमंत्री को अधिकारियों पर सख्ती करनी चाहिए इस सवाल पर 51 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री को सख्ती करनी चहिये। पुलिस के व्यवहार पर 64 प्रतिशत मतदाताओं ने खराब और बहुत खराब बताया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन होता है इस पर 43 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि पालन नहीं होता। लोकसभा चुनाव योगी सरकार की अग्नि परीक्षा होगी इस पर 38 प्रतिशत ने कहा है कि योगी की अग्नि परीक्षा मानी जाएगी। इस प्रकार राज्य सरकार के बारे में मतदाताओं की राय बहुत सुखद नहीं कही जा सकती। सर्वे के विस्तृत विश्लेषण क्रमवार दिए जायेंगे सर्वे के आधार पर मतदाताओं की राय को सीटों में परिवर्ति त करें तो भाजपा को महागठबंधन से कड़ी चुनौती है। सपा बसपा एवं कांग्रेस का गठबंधन होता है तो महागठबंधन को 63 सीटें मिलने की सम्भावना है और भाजपा 17 सीटों तक सिमट सकती है। गठबंधन नहीं हुआ और अलग अलग चुनाव सपा, बसपा, कांग्रेस लड़ी तो भी 2014 की पुर्नावृत्ति नहीं होगी भाजपा को फायदा जरूर मिलेगा लेकिन उसकी सीटें 59 अधिकतम होंगी । 21 सीटें गैर भाजपा दलों को मिलेंगी इनमें कांग्रेस को 6 सपा को 7 बसपा को 6 व अन्य को 2 सीटें मिल सकती है।
27th October, 2018