लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने साफ कर दिया कि उन्हें विपक्ष की इन बातों में कोई रुचि नहीं है कि ‘लोकतांत्रिक मूल्यों व संविधान को बचाना है’ या ‘देश में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए एकजुट होना है।’ वांछित सीटों से वह कोई समझौता नहीं करेंगी। उन्होंने दो टूक कहा कि बसपा महागठबंधन में सीटों के लिए ‘भीख’ नहीं मांगेगी। मायावती ने कहा कि यदि हमारी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो पार्टी अकेले अपने बलबूते बसपा प्रमुख ने पार्टी संस्थापक कांशीराम के स्मृति दिवस पर नई दिल्ली स्थित बहुजन प्रेरणा केंद्र जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। बसपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल समेत देशभर में कांशीराम को पुष्पाजंलि/श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर आईपीएन को भेजे बयान में मायावती ने कहा कि बसपा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ सवर्ण समाज के गरीबों के सम्मान व स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं कर सकती, चाहे उसके लिए कांग्रेस व भाजपा सरकारों का कितना ही विद्वेष व प्रताडऩा झेलना पड़े।
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस पार्टी से इन वर्गों के व्यापक हित व सम्मान की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। लेकिन इन वर्गों का अपमान भी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसीलिए बसपा ने चुनावी गठबंधनों के लिए ‘सम्मानजनक सीटें’ मिलने मात्र की शर्त रखी है। महागठबंधन में बसपा सीटों के लिए ‘rsquo; नहीं मांगेगी। ऐसा नहीं होने पर बसपा अकेले अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ती रहेगी।
12th October, 2018