यूरीड मीडिया-देवीपाटन मंडल में बलरामपुर जनपद के अंतर्गत तुलसीपुर में स्थिति शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी का भव्य मंदिर है जिसके संरक्षक और मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। पिछले 3 दशक से शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी के दर्शन के लिए लगातार जाता हूँ । योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कई बार जा चूका हूँ। 16 नवंबर 2018 को परिवार एवं मित्रों के साथ शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी का दर्शन करने गया। लखनऊ से तुलसीपुर जाने के लिए बहराइच और गोंडा होते हुए बलरामपुर से होकर रास्ता जाता है। बहराइच या गोंडा दोनों से ही बलरामपुर जनपद मुख्यालय होकर तुलसीपुर शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी के लिए रास्ता है। पिछली सरकारों में भी गोंडा से बलरामपुर मार्ग बहुत ही ख़राब था और आज भी ख़राब बना हुआ है। तुलसीपुर में किसी प्रकार का भी कोई बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सफाई को लेकर विशेष अभियान चला रहे हैं। कल 16 नवंबर 2018 को तुलसीपुर शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी के दर्शन के गया तो विकास को लेकर कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया।
तुलसीपुर शहर में मंदिर तक जाने वाली सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे हैं किसी भी प्रकार का कोई सुधार नहीं दिखाई दिया। अगर बदलाव आया है तो शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी के मंदिर के आसपास आराजकता और गंदगी बढ़ी है पूरे मंदिर परिसर में 50 से अधिक युवक जबरदस्ती कलावा लेकर आनेवाले भक्तों के हाथ में बांध करके वसूली कर रहे हैं। विशेषकर गांव के आने वाले श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार ज्यादा दिखाई पड़ता है। शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर के परिसर में पार्किंग के नाम पर 50 रूपये वसूले जाते हैं।
पार्किंग के नाम पर गंदगी और धूल तथा कूड़े ही कूड़े नज़र आ रहे हैं। मंदिर परिसर के आस पास चलने वाले खानपान आदि दुकानों पर भी गंदगी की भरमार है। वाहन स्टैंड के नाम पर जबरदस्ती वसूली हो रही है। 20 से अधिक युवक डंडों के साथ खड़े रहते है और वाहन पंहुचा कि जबरदस्ती वसूली करते हैं। दुर्वव्हार करते है और किसी ने अगर विरोध किया तो अपशब्द , गाली गलौज तथा मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर परिसर में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से विकास श्रद्धालुओं को सुविधा एवं सुरक्षा आदि पर कोई कार्य नहीं हुआ है बल्कि जो बदलाव आया है वह शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मदिर के पुजारियों एवं परिसर में रहने वाले समस्त कर्मचारियों के व्यवहार में आया है। 16 नवंबर 2018 को परिसर में काफी देर तक घूमने के बाद बहुत अफ़सोस हुआ कि योगी आदित्यनाथ जैसा अनुशासन प्रिये व्यक्ति और सफाई को महत्त्व देने वाले मुख्यमंत्री के अधीनस्थ शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी के मंदिर में पुजारियों और मंदिर कर्मचारियों के व्यवहार में अहंकार और चारों तरफ गंदगी तथा पार्किंग स्टैंड के नाम पर वसूली हो रही है। मंदिर परिसर में ही जहाँ पर महंत बैठते हैं सामने वरामदे में सुरक्षा कर्मी के साथ एक युवक बैठा फ़ोन पर किसी को अपशब्द और गालियाँ भी दे रहा था। पूछने पर युवक ने अपने को प्रधान बताया था और कहा था कि विकास कार्य जल्दी नहीं हो पाते।
महंत जी अपने कमरे तो नहीं थे लेकिन कमरे के आस पास भी स्वच्छता अपेक्षाकृत नहीं है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में और शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर के मुखिया के रूप में जरूर ध्यान दें अगर विकास नहीं संभव है तो कम से कम सफाई और महंत तथा कर्मचारियों को श्रद्धालुओं के साथ सदव्यवहार करने की जरूर उम्मीद की जाती है। शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर एक सिद्ध धार्मिक स्थल है और पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी मत्वपूर्ण है।
तुलसीपुर शहर में मंदिर तक जाने वाली सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे हैं किसी भी प्रकार का कोई सुधार नहीं दिखाई दिया। अगर बदलाव आया है तो शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी के मंदिर के आसपास आराजकता और गंदगी बढ़ी है पूरे मंदिर परिसर में 50 से अधिक युवक जबरदस्ती कलावा लेकर आनेवाले भक्तों के हाथ में बांध करके वसूली कर रहे हैं। विशेषकर गांव के आने वाले श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार ज्यादा दिखाई पड़ता है। शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर के परिसर में पार्किंग के नाम पर 50 रूपये वसूले जाते हैं।
पार्किंग के नाम पर गंदगी और धूल तथा कूड़े ही कूड़े नज़र आ रहे हैं। मंदिर परिसर के आस पास चलने वाले खानपान आदि दुकानों पर भी गंदगी की भरमार है। वाहन स्टैंड के नाम पर जबरदस्ती वसूली हो रही है। 20 से अधिक युवक डंडों के साथ खड़े रहते है और वाहन पंहुचा कि जबरदस्ती वसूली करते हैं। दुर्वव्हार करते है और किसी ने अगर विरोध किया तो अपशब्द , गाली गलौज तथा मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर परिसर में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से विकास श्रद्धालुओं को सुविधा एवं सुरक्षा आदि पर कोई कार्य नहीं हुआ है बल्कि जो बदलाव आया है वह शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मदिर के पुजारियों एवं परिसर में रहने वाले समस्त कर्मचारियों के व्यवहार में आया है। 16 नवंबर 2018 को परिसर में काफी देर तक घूमने के बाद बहुत अफ़सोस हुआ कि योगी आदित्यनाथ जैसा अनुशासन प्रिये व्यक्ति और सफाई को महत्त्व देने वाले मुख्यमंत्री के अधीनस्थ शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी के मंदिर में पुजारियों और मंदिर कर्मचारियों के व्यवहार में अहंकार और चारों तरफ गंदगी तथा पार्किंग स्टैंड के नाम पर वसूली हो रही है। मंदिर परिसर में ही जहाँ पर महंत बैठते हैं सामने वरामदे में सुरक्षा कर्मी के साथ एक युवक बैठा फ़ोन पर किसी को अपशब्द और गालियाँ भी दे रहा था। पूछने पर युवक ने अपने को प्रधान बताया था और कहा था कि विकास कार्य जल्दी नहीं हो पाते।
महंत जी अपने कमरे तो नहीं थे लेकिन कमरे के आस पास भी स्वच्छता अपेक्षाकृत नहीं है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में और शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर के मुखिया के रूप में जरूर ध्यान दें अगर विकास नहीं संभव है तो कम से कम सफाई और महंत तथा कर्मचारियों को श्रद्धालुओं के साथ सदव्यवहार करने की जरूर उम्मीद की जाती है। शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर एक सिद्ध धार्मिक स्थल है और पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी मत्वपूर्ण है।
17th November, 2018