लखनऊ: चर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड में एसआईटी जांच के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है। फोरेंसिक टीम की पड़ताल के बाद यह स्पष्ट हो गया कि सिपाही प्रशात चौधरी ने सेल्फ डिफेंस में नहीं बल्कि पूरे होशोहवास में गोली मारी थी।
वारदात के 81 दिन बाद आई एसआईटी रिपोर्ट में यह पता चला कि विवेक तिवारी के कार से टक्कर के बाद प्रशांत की बाइक बाई ओर गिरी थी जबकि वारदात के बाद आरोपी प्रशांत ने घटना के वक्त बाइक दायी ओर गिरने का दावा किया था
प्रशांत ने मीडिया को दिये बयान में कहा था कि कार से टक्कर से उसकी बाइक बाई तरह विवेक के कार के आगे गिरी जिसके बाद विवेक ने बाइक पर कार चढ़ाकर भागने का प्रयास किया। इसके बाद वह कूदकर आगे आया और आत्मरक्षा में विवेक तिवारी पर गोली दाग दी...
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्रशांत ने क्रोध में आकर पिस्टल निकाला सेफ़्टी कैच हटाया काक किया और जान से मारने की नियत से निशाना लगाकर फायर कर दिया। रिपोर्ट में बताया गया कि गोली के बाद विवेक ने भागने का प्रयास किया। लेकिन थोड़ी देर में वाहज अचेत होने लगा और थोड़ी ही दूर पर अंदर्पास के पैलार से उसकी कार टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई।
वहीं इस मामले में सीओ गोमती नगर चक्रेश मिश्रा और थाना प्रभारी डीपी तिवारी भी दोषी पाये गए है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुये मामले की फाइल डीजीपी को भेज दी गई है।
वारदात के 81 दिन बाद आई एसआईटी रिपोर्ट में यह पता चला कि विवेक तिवारी के कार से टक्कर के बाद प्रशांत की बाइक बाई ओर गिरी थी जबकि वारदात के बाद आरोपी प्रशांत ने घटना के वक्त बाइक दायी ओर गिरने का दावा किया था
प्रशांत ने मीडिया को दिये बयान में कहा था कि कार से टक्कर से उसकी बाइक बाई तरह विवेक के कार के आगे गिरी जिसके बाद विवेक ने बाइक पर कार चढ़ाकर भागने का प्रयास किया। इसके बाद वह कूदकर आगे आया और आत्मरक्षा में विवेक तिवारी पर गोली दाग दी...
20th December, 2018