मुंबई: यूट्यूब पर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का एक विडियो सामने आया है जिसमें वह एक विवादित बयान देते नजर आ रहे है। विडियो में वह कह रहे हैं "कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है और ऐसे माहौल में मुझे अपने औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है।" वह कहते हैं कि देश के माहौल में काफी जहर फैल चुका है और इस जिन्न को बोतल में डालना मुश्किल दिख रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की वजह से हिंसा भड़क गई थी और इसी दौरान भीड़ में से किसी ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई थी। हालांकि, सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का आरोप है कि राज्य में अमन के माहौल को खराब करने के लिए विपक्ष ने बुलंदशहर में हिंसा की साजिश रची गई थी।
'कारवां-ए-मोहब्बत' यूट्यूब पेज पर जारी विडियो में नसीरुद्दीन कह रहे हैं, 'लोगों को कानून हाथ में लेने की खुली छूट दी गई है। कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है। मुझे अपने औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है क्योंकि मैंने अपने बच्चों को मजहब की तालीम बिल्कुल नहीं दी है। हमने उन्हें अच्छाई और बुराई के बारे में सिखाया है और मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है।'
17 दिसंबर को पोस्ट किए गए इस विडियो में नसीरुद्दीन आगे कहते हैं, 'कल मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा कि तुम हिन्दू हो या मुस्लिम तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा। मुझे इस बात की फिक्र होती है कि हालात जल्दी सुधरते तो मुझे नजर नहीं आ रहे हैं।'
2 मिनट 10 सेकंड के इस विडियो में नसीरुद्दीन ने कहा कि इन बातों से मुझे डर नहीं लगता बल्कि गुस्सा आता है और सही सोच रखने वाले हर इंसान को गुस्सा आना चाहिए न कि डरना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है और हमें कौन निकाल सकता है यहां से।
विडियो सोश्ल मीडिया पर आने के बाद शाह की किरकिरी होनी शुरू हो है... सोश्ल मीडिया वह वह ट्रोल हो रहे है।
'कारवां-ए-मोहब्बत' यूट्यूब पेज पर जारी विडियो में नसीरुद्दीन कह रहे हैं, 'लोगों को कानून हाथ में लेने की खुली छूट दी गई है। कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है। मुझे अपने औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है क्योंकि मैंने अपने बच्चों को मजहब की तालीम बिल्कुल नहीं दी है। हमने उन्हें अच्छाई और बुराई के बारे में सिखाया है और मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है।'
20th December, 2018