लखनऊ यूरिड न्यूज़: एक निजी न्यूज़ चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन कर उत्तर प्रदेश विधानभवन के अंदर नौकरशाहों के भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। स्टिंग ऑपरेशन में यूपी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अर्चना पांडे और संदीप सिंह के निजी सचिव कैमरे में घूस की मांग करते हुए दिखाई दे रहे है। मामला सामने आने के बाद हरकत में आई सरकार ने जांच के लिए लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण की अगुवाई में एक एसआईटी का गठन किया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीनों निजी सचिवों को तत्काल सस्पेंड करने और एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। सरकार ने जो एसआईटी बनाई है उसमें आईजी एसटीएफ और विशेष सचिव आईटी राकेश वर्मा को शामिल किया गया है। ये एसआईटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
वहीं स्टिंग का विडियो आने के बाद सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे भ्रष्टाचार का सबूत बताते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। तो कांग्रेस ने इसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, तीन मंत्रियों के निजी सचिवों द्वारा घूस की डीलिंग करना समूची भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सबूत है। आरोपों की जांच पूरी होने से पहले, नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दें सीएम और सम्बंधित मंत्री।''
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राज बब्बर ने भी इस भ्रष्टाचार के लिए सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की है। राज बब्बर ने कहा, ''स्टिंग के दौरान ये भी साफ हुआ है कि तीनों निजी सचिव सरकार ने ही दिए थे। इस सरकार का उसूल है कि जो हमारे खिलाफ है उसे खिलाफ कर देंगे। इस मामले में सीधे सीएम की जिम्मेदारी बनती है, उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।''
27th December, 2018