लखनऊ, यूरिड न्यूज़। उत्तर प्रदेश में खनन घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार में घिरी आईएएस अफसर बी चंद्रकला समेत कई नेता, बाबू और दलाल पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि सीबीआई को छापेमारी के दौरान सभी आरोपियों के घर से काफी बरामदगी की है।
आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ वाले फ्लैट से जहां लॉकर और कई दस्तावेज बरामद किए, वहीं हमीरपुर के खनन विभाग में क्लर्क रहे राम अवतार के घर से दो करोड़ रुपये कैश बरामद किए हैं। इतनी बड़ी नकद धनराशि मिलने से सीबीआई भी हैरान है। जब चंद्रकला हमीरपुर में डीएम थीं, उस दौरान राम अवतार हमीरपुर के माइनिंग डिपार्टमेंट में क्लर्क रहा।
गौरतलब है कि सीबीआई ने अपनी जांच में कहा है कि हमीरपुर की डीएम रहते हुए आईएएस बी चंद्रकला ने दस अन्य लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए अवैध खनन होने दिया था। दो जनवरी को सीबीआई के डिप्टी एसपी केपी शर्मा की ओर से दर्ज मुकदमे में बी चंद्रकला सहित 11 आरोपियों को क्रिमिनिल कांसिपिरेसी में शामिल होने की बात कही गई है। इसमें सपा और बसपा के दो नेता सहित कई बाबू और दलाल भी शामिल हैं। इसमें आईपीसी की धाराओं 379,384,420,511 120 B और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत संबंधितों पर केस दर्ज हुआ है।
मीडिया खबरों के मुताबिक 2012 से 2016 के बीच हुए इस घोटाले का पूरा सच जानने के लिए सीबीआई अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है। वजह कि वर्ष 2012 से 2013 के बीच अखिलेश यादव ने खनन महकमा अपने पास रखा था. बाद में उन्होंने गायत्री प्रसाद प्रजापति को खनन मंत्री बनाया था।
कैसे हुआ घोटाला
31 मई 2012 को यूपी सरकार की ओर से एक ऑर्डर जारी किया गया था। जिसमें जिसमें कहा गया था, जो भी माइनिंग होगी, वो ई टेंडर से होगी। लेकिन ये नियम का अनुसरण नहीं किया गया। हमीरपुर में अवैध खनन के मामले में दो जनवरी को दर्ज एफआई में सीबीआई ने बी चंद्रकला को आरोपी नंबर वन बनाया है। हमीरपुर में डीएम रहते हुए बी चंद्रकला ने अवैध तरीके से खनन के पट्टे आवंटित किए। छापेमारी के दौरान उनके घर से कुछ कागज़ मिले हैं। इसके अलावा एक लॉकर और 2 अकॉउंट से जुड़े कागजात हैं. 2 घर के बारे में जानकारी मिली. आरोपी नंबर टू आदिल खान हैं. आरोप है कि तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के चलते इन्हें खनन की लीज मिली. दिल्ली के लाजपत नगर और लखनऊ में घर है. तीसरे आरोपी हमीरपुर के मोइनुद्दीन हैं। जिनके घर से 12.5 लाख कैश, 1.8 किलो सोना मिला। चौथे आरोपी समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश मिश्रा, इनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, पांचवा आरोपी हमीरपुर का माइनिंग क्लर्क राम आसरे प्रजापति रहा. छठें आरोपी के तौर पर अंबिका तिवारी पर केस दर्ज हुआ. अंबिका तिवारी रमेश का काम देखता था।
समाजवादी पार्टी की सरकार में अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं पहुंचीं थीं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में यूपी में अवैध खनन की जांच के आदेश दिए। यूपी के सात प्रमुख जिलों में अवैध खनन की शिकायत इलाहाबाद कोर्ट को मिली थी। उस दौरान फतेहपुर, देवरिया, शामली, कौशांबी, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर, हमीरपुर में अवैध खनन का मामला सामने आया था। हमीरपुर मामले में दो जनवरी,2019 को सीबीआई के डिप्टी एसपी केके शर्मा ने केस दर्ज कराया। इसी केस में शनिवार को सीबीआई ने आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित फ्लैट सहित 14 स्थानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी कानपुर, लखनऊ, हमीरपुर, जालौन, नोएडा में भी हुई।
आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ वाले फ्लैट से जहां लॉकर और कई दस्तावेज बरामद किए, वहीं हमीरपुर के खनन विभाग में क्लर्क रहे राम अवतार के घर से दो करोड़ रुपये कैश बरामद किए हैं। इतनी बड़ी नकद धनराशि मिलने से सीबीआई भी हैरान है। जब चंद्रकला हमीरपुर में डीएम थीं, उस दौरान राम अवतार हमीरपुर के माइनिंग डिपार्टमेंट में क्लर्क रहा।
गौरतलब है कि सीबीआई ने अपनी जांच में कहा है कि हमीरपुर की डीएम रहते हुए आईएएस बी चंद्रकला ने दस अन्य लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए अवैध खनन होने दिया था। दो जनवरी को सीबीआई के डिप्टी एसपी केपी शर्मा की ओर से दर्ज मुकदमे में बी चंद्रकला सहित 11 आरोपियों को क्रिमिनिल कांसिपिरेसी में शामिल होने की बात कही गई है। इसमें सपा और बसपा के दो नेता सहित कई बाबू और दलाल भी शामिल हैं। इसमें आईपीसी की धाराओं 379,384,420,511 120 B और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत संबंधितों पर केस दर्ज हुआ है।
मीडिया खबरों के मुताबिक 2012 से 2016 के बीच हुए इस घोटाले का पूरा सच जानने के लिए सीबीआई अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है। वजह कि वर्ष 2012 से 2013 के बीच अखिलेश यादव ने खनन महकमा अपने पास रखा था. बाद में उन्होंने गायत्री प्रसाद प्रजापति को खनन मंत्री बनाया था।
कैसे हुआ घोटाला
31 मई 2012 को यूपी सरकार की ओर से एक ऑर्डर जारी किया गया था। जिसमें जिसमें कहा गया था, जो भी माइनिंग होगी, वो ई टेंडर से होगी। लेकिन ये नियम का अनुसरण नहीं किया गया। हमीरपुर में अवैध खनन के मामले में दो जनवरी को दर्ज एफआई में सीबीआई ने बी चंद्रकला को आरोपी नंबर वन बनाया है। हमीरपुर में डीएम रहते हुए बी चंद्रकला ने अवैध तरीके से खनन के पट्टे आवंटित किए। छापेमारी के दौरान उनके घर से कुछ कागज़ मिले हैं। इसके अलावा एक लॉकर और 2 अकॉउंट से जुड़े कागजात हैं. 2 घर के बारे में जानकारी मिली. आरोपी नंबर टू आदिल खान हैं. आरोप है कि तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के चलते इन्हें खनन की लीज मिली. दिल्ली के लाजपत नगर और लखनऊ में घर है. तीसरे आरोपी हमीरपुर के मोइनुद्दीन हैं। जिनके घर से 12.5 लाख कैश, 1.8 किलो सोना मिला। चौथे आरोपी समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश मिश्रा, इनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, पांचवा आरोपी हमीरपुर का माइनिंग क्लर्क राम आसरे प्रजापति रहा. छठें आरोपी के तौर पर अंबिका तिवारी पर केस दर्ज हुआ. अंबिका तिवारी रमेश का काम देखता था।
समाजवादी पार्टी की सरकार में अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं पहुंचीं थीं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में यूपी में अवैध खनन की जांच के आदेश दिए। यूपी के सात प्रमुख जिलों में अवैध खनन की शिकायत इलाहाबाद कोर्ट को मिली थी। उस दौरान फतेहपुर, देवरिया, शामली, कौशांबी, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर, हमीरपुर में अवैध खनन का मामला सामने आया था। हमीरपुर मामले में दो जनवरी,2019 को सीबीआई के डिप्टी एसपी केके शर्मा ने केस दर्ज कराया। इसी केस में शनिवार को सीबीआई ने आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित फ्लैट सहित 14 स्थानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी कानपुर, लखनऊ, हमीरपुर, जालौन, नोएडा में भी हुई।
6th January, 2019