लखनऊ, यूरिड न्यूज़। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी गुपचुप तरीके से सपा कार्यालय 4 विक्रमादित्य मार्ग पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे। सपा दफ्तर में जयंत चौधरी ने अखिलेश से बंद कमरे में करीब एक घंटा बातचीत की। कार्यालय से बाहर आकार वह मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने सवर्ण आरक्षण को भाजपा का चुनावी जुमला बताते हुए सीबीआइ और अन्य संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
मुलाकात के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि अखिलेश के साथ बातचीत के दौरान अच्छे माहौल में राजनीतिक परिस्थितियों और देश की दशा-दिशा पर चर्चा हुई है। आगे क्या होना चाहिए इस पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा का एजेंडा ही रहता है कि वह मुद्दों का हल निकाले बिना छोड़ छोड़ देती है। किसी घोषणा का क्रियान्वयन नहीं होना है। सीबीआइ, ज्यूडिशरी, मीडिया जैसी तमाम संस्थाओं को चलाने के लिए जिस लोकतंत्र और हिम्मत की आवश्यकता थी उन सभी व्यवस्थाओं को भाजपा ने ध्वस्त कर दिया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या गठबंधन में रालोद को मिलने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई इस सवाल को उन्होंने टालते हुये कहा ‘‘सीटों की बेचैनी मीडिया को है, सारी बाते साफ होंगी, सस्पेंस बनायें रखे।’
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन के सवाल को वह टाल गये। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर अगड़ों को आरक्षण दिये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘भाजपा का एजेंडा रहता है कि मुद्दों को छोड़ दें, हल न निकालें, कोई भी घोषणा का क्रियान्वयन नहीं होता है केवल शगूफा छोड़ दिया जाता है।’ गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच हुए गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल का भी अहम हिस्सा है, पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच मुलाकात हुई थी, जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर खबरें आम हुई थीं। इसमें राष्ट्रीय लोकदल को गठबंधन में दो से तीन सीटें दिए जाने की बात सामने आई थीं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी।
महागठबंधन की कोशिशों को देखते रालोद उपाध्यक्ष की इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। राष्ट्रीय लोकदल की पश्चिम उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है। लोकसभा उपचुनाव के दौरान रालोद की तबस्सुम हसन ने कैराना सीट भाजपा से छीनी थी। उल्लेखनीय है कि सपा और बसपा के बीच गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल अहम हिस्सा है।
मुलाकात के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि अखिलेश के साथ बातचीत के दौरान अच्छे माहौल में राजनीतिक परिस्थितियों और देश की दशा-दिशा पर चर्चा हुई है। आगे क्या होना चाहिए इस पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा का एजेंडा ही रहता है कि वह मुद्दों का हल निकाले बिना छोड़ छोड़ देती है। किसी घोषणा का क्रियान्वयन नहीं होना है। सीबीआइ, ज्यूडिशरी, मीडिया जैसी तमाम संस्थाओं को चलाने के लिए जिस लोकतंत्र और हिम्मत की आवश्यकता थी उन सभी व्यवस्थाओं को भाजपा ने ध्वस्त कर दिया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या गठबंधन में रालोद को मिलने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई इस सवाल को उन्होंने टालते हुये कहा ‘‘सीटों की बेचैनी मीडिया को है, सारी बाते साफ होंगी, सस्पेंस बनायें रखे।’
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन के सवाल को वह टाल गये। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर अगड़ों को आरक्षण दिये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘भाजपा का एजेंडा रहता है कि मुद्दों को छोड़ दें, हल न निकालें, कोई भी घोषणा का क्रियान्वयन नहीं होता है केवल शगूफा छोड़ दिया जाता है।’ गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच हुए गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल का भी अहम हिस्सा है, पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच मुलाकात हुई थी, जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर खबरें आम हुई थीं। इसमें राष्ट्रीय लोकदल को गठबंधन में दो से तीन सीटें दिए जाने की बात सामने आई थीं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी।
8th January, 2019