लखनऊ, यूरिड न्यूज़। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुख्य प्रवक्ता डॉ सीपी राय ने मायावती द्वारा शिवपाल सिंह पर लगाए गए आरोपों को झुटा और निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि मायावती तीन-तीन बार भाजपा की गोद में बैठकर सरकार बना चुकी है और अब सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ मौका परस्ती गठबंधन करके झुटा आरोप लगा रही है। राय ने सपा-बसपा गठबंधन पर तीखा हमला किया और कहा कि जब अखिलेश पैदा नहीं हुए थे तब से शिवपाल यादव भाजपा एवं सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे है। मायावती ने मुलायम सिंह यादव और जनेश्वर मिश्रा का कई बार अपमान किया है और ऐसे बसपा नेता से अखिलेश अवसरवादी गठबंधन कर रहे है। मायावती मौका परस्त है और अवसर आने पर फिर भाजपा की गोद में बैठ जाएंगी। भाजपा के इशारे पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराने के लिए चुनाव लड़ी लेकिन साजिश सफल नहीं हुई। तीनों राज्यों में कांग्रेस ने सरकार बनाई है। राय ने कहा शिवपाल यादव सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ पिछले चार दशकों से संघर्ष कर रहे है। मायावती ने आज गठबंधन की सयुक्ता प्रेस वार्ता ने शिवपाल सिंह यादव पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा का शिवपाल सिंह यादव पर बहाया गया पानी की तरह पैसा अब सपा-बसपा गठबंधन के बाद बेकार चला जाएगा।
मायावती द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि भाजपा द्वारा शिवपाल को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है, यह आरोप झूठा एवं निराधार है एवं यह सभी को पता है कि कौन लोग आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और कौन सी पार्टी में टिकट बेचे जाते हैं।
अखिलेश यादव का जब जन्म भी नहीं हुआ था उसके पहले से ही प्रदेश में शिवपाल यादव जी भाजपा और साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ सबसे मुखर स्वर रहे एवं संघर्ष किया हैं। अखिलेश को यह समझना चाहिए कि इसके पूर्व भी मायावती पिछड़ो व दलितों और मुसलमानों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ चुकी हैं ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि इतिहास फिर से स्वयं को दोहराए और मायावती चुनाव के बाद भाजपा से जा मिलें। ये भी सबको पता है की राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन न कर बीजेपी को लाभ किसने पहुंचाया।
बसपा की सरकार के दौरान सपा के कार्यकर्ताओं, पिछड़ों, मुसलमानों पर हजारों मुकदमें लिखे गये। वह कार्यकर्ता आज भी थानों, कचहरियों के चक्कर लगा रहे हैं। अगर सपा-बसपा ने राजनीतिक लाभ के लिए गठबंधन नहीं किया है तो जनता के बीच बतायें कि बसपा सरकार में जिन लोगों के खिलाफ सिर्फ राजनीतिक आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था, उसकी भरपाई कैसे करेंगे।
सपा ने आज उस दल से गठबंधन किया है, जिसने हमेशा समाजवादी पार्टी खून से सींचने वाले मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र का अपमान किया है। यह मौका परस्ती का गठबंधन हैं। समाजवादी धारा से जुड़ा कोई कार्यकर्ता और समाज का गरीब, वंचित तबका इस गठबंधन को कभी स्वीकार नहीं करेगा। जहां तक इस गठबंधन पर प्रतिक्रिया का प्रश्न है उस पर अभी से नफा नुकसान पर कोई प्रतिक्रिया देना थोड़ी जल्दबाजी होगी। ज्यों ही लोकसभा चुनाव करीब आएगा, हर गुजरते दिन के साथ यूपी की राजनीति में नए समीकरण बनेंगे।
अपने निर्माण के सीमित अवधि में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने अपने व्यापक जनाधार व लोकप्रियता के बल पर यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि प्रसपा के आभाव में यूपी के पॉलिटिकल स्फीयर में साम्प्रदायिक शक्तियों व सत्ता के विरुद्ध किसी भी मंच, गठबन्धन या संघर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रसपा प्रदेश की एक बड़ी ताकत है, और साम्प्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध सभी सीटों पर अकेले लड़ने में समर्थ है। प्रसपा किसी गठबंधन का हिस्सा होने के लिए आतुर नहीं है। यह सैद्धांतिक सहमति व सम्मान के आधार पर ही तय होगा। सेक्युलर मोर्चा में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी एवं बहुजन मुक्ति मोर्चा के साथ उत्तर प्रदेश की 40 से अधिक छोटी पार्टियां है जिसके सहयोग के बिना भाजपा को हराना असंभव होगा और यह मोर्चा अल्पसंख़्यको, पिछडो एवं दलितों के हितो की रक्षा करने के लिए गठित किया है जिसका प्रस्थान बिन्दु ही यह है कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी।
12th January, 2019